लोग कहते हैं कि मौन रहने से बेहतर है कि आप मुखर रहकर अपनी बात कहें।यानी बोलना जरूरी है वरना यदि मौनी बाबा बनकर रह गए तो आपकी कहीं दाल गलने वाली नहीं !लोग यह भी कहते हैं कि जब भी बोलो सोच-समझकर बोलो।उनकी बात तो ठीक है लेकिन जब […]
आज का दिन बहुत ही खास है क्योंकि सबसे बड़े मानव अधिकार, सार्वजनिक जिम्मेदारी और रोजगार के साधन शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को धूमधाम से मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शांति और विकास में शिक्षा की भूमिका को महत्व देते हुए 24 जनवरी के दिन को अंतरराष्ट्रीय […]
hu सत्तर साल का गणतंत्र हमारा मानवता का स्तंभ है। चार स्तभ्भों पर टिका हुआ भारत का लोकतंत्र है। 26 जनवरी वह दिवस है जब संविधान लागू हुआ। एकता की सूत्र में बँधे रहने का सभी के विचार पर हावी हुआ। अनेकता में एकता की फूलवारी भारतीय संविधान ने निखारी। […]
जय-जय हो भारत राष्ट्र की जय – जय हो हिंदुस्तान की । जय जवान – जय किसान जय – जय हो विज्ञान की ।। स्वागत- वंदन-अभिनंदन है जयकार हमारे गणराज की । हर्षित है जन – मन चहुँओर गणतंत्र शान है हिंदुस्तान की ।। जय हो छब्बीस जनवरी की जय […]
बालिका दिवस पर विशेष……….. पुत्रीवती भवः का आशिर्वाद शायद ही किसी ने दिया हो शायद ही किसी ने अपने लिए पुत्र से पहले पुत्री को चाहा हो मां स्वयं कभी किसी की पुत्री थी वह भी आशीर्वाद से नही जन्मी ईश्वरीय इच्छा से टपकी थी उस मां की इच्छा अब […]
देश के संविधान दिवस का उत्सव समाप्त कर एक नेता ने अपने घर के अंदर कदम रखा ही था कि उसके सात-आठ वर्षीय बेटे ने खिलौने वाली बन्दूक उस पर तान दी और कहा “डैडी, मुझे कुछ पूछना है।” नेता अपने चिर-परिचित अंदाज़ में मुस्कुराते हुए बोला, “पूछो बेटे।” “ये […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।