भारत माँ के वीर सपूत आजादी के थे रखवाले, हिंदुस्तान की अमर कहानी की गाथा थे लिखने वाले, हिन्द की वो शान थे, हिन्दुस्तान का अभिमान थे, देश की आजादी की खातिर, हो गये कुर्बान थे, भारत माँ की आन पे ना आँच कभी आने दी, काट दिये कर शत्रुओं […]

यूं तो हमारा देश पुरातन काल से ही ॠषियों, मुनियों, मनीषियों, समाज सुधारकों व महापुरुषों का जनक रहा है जिन्होंने न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व का मार्गदर्शन कर जगत कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। किंतु आधुनिक युग की बदलती हुई परिस्थितियों में ऐसे महापुरुष बिरले ही हैं। ग्यारह अक्टूबर, 1916 को महाराष्ट्र […]

इस समय देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी ऐसी नहीं है, जिसे विश्वास हो कि वह चुनाव जीत जाएगी और वह सरकार बना लेगी। भाजपा और कांग्रेस अखिल भारतीय पार्टियां हैं। देश के लगभग हर जिले में इनका संगठन मौजूद है। इन्होंने अपने दम पर केंद्र और प्रांतों में सरकारें […]

भारत  भू   स्वाधीन,  हुई  कुर्बानी  देकर। वतन  बाँट दो भाग, घाव गहरा  ये लेकर। पहले  फूँके   स्वप्न, पूत    हमने  न्यौछारे। शुभ दिन है गणतंत्र, बहुत अरमान हमारे। आजादी   पर  हर्ष,  मनाए  हमने  भारी। बँटवारे  के  साथ, स्वदेशी   सत्ता   धारी। संविधान   निर्माण ,मान गणतंत्र   दुलारे। शुभ दिन है गणतंत्र,बहुत अरमान हमारे। […]

गण का तंत्र एक विचार विषय संविधान ही है इसका परिचय मूल भावना ही आहत होती संशोधनों से भर गई पोथी जिसकी भी जब सत्ता आई उसने अपनी अपनी चलाई जाति धर्म सब एक समान थे भारतीयता ही एक पहचान थे पर वोट ने हम सबको बांटा जाति धर्म से […]

है राह यह सुहाना, चाहे शीश हो कटाना । तुम सुन लो देशवासी, यह देश है हमारा । भारत के ऐ सपूतों, विश्वास को जगाओं । कमजोर करके दुश्मन को, देश से भगाओं । छायी रहे सदा ही, स्वाधीनता की लाली । आजाद हुई जननी, छाये सदा हरियाली । आकाश […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।