बड़ी ही खूबसूरत नजर आती हो तुम, सच में जब नजरें झुका कर शर्माती हो तुम, लगता है जैसे एक पल के लिये ये जहाँ भी रुक जाता हैं, जब जुल्फें बिखेर के चेहरे पे मुस्कुराती हो तुम, चाँद और सूरज भी तम्हें देखने के लिये बेताब रहते हैं, मोहतरमा […]
पुस्तक : सहोदरी कहानी-२ संपादक : श्री जयकान्त मिश्रा प्रकाशन : भाषा सहोदरी हिन्दी मूल्य : ₹ ४०० भारतभूमि विभिन्न भाषाओं व संस्कृतियों के गौरवपूर्ण सह- अस्तित्व के लिए जानी जाती है। भाषा ही वह माध्यम है जिसके द्वारा कोई भी समाज अपनी संस्कृति और अस्मिता को सुरक्षित रख पाता […]
कभी फरहाद कभी मजनूं कभी रांझा बना डाला तुम्हारे इश्क ने जानां मुझे क्या-क्या बना डाला ============================== पिला कर खून अपना पाला जिसको उम्र भर मैंने उस दिल को एक पल में तुमने अपना बना डाला ============================== अपने आप में महफिल हुआ करता था कभी मैं तुम्हारी याद ने मुझे […]
जो आया है वह जाएगा कोई सदा न रह पाएगा सब खाली हाथ आते है सब खाली हाथ ही जाते है फिर धन संचय किस काम का यह समझ नही पाते है जो बोझ बनते इस धरती पर उन्हें लोग भूल जाते हैं जो जीते है दुसरो के लिए वे […]
भोपाल से फरीदाबाद की यात्रा के दरमियान भारत बने भारत अभियान पर चर्चा के दौरान किसी सहयात्री ने कहा “यह तो सिर्फ नाम बदलने का अभियान है। सिर्फ नाम बदलने से क्या होगा? और नाम से क्या फर्क पड़ता है भारत हो या इंडिया? मेरे लिए यह दिल से मुस्कुराने […]
मृत्यु भोज खाना , बंद करो सब , एक बात मेरी , आप लोग मानलो । अरे ! मृत्युभोज एक अभिशाप है दोस्तो , आज से ही बंद करो , दिल से ठानलो ।। मृत्यु भोज एक …………. अरे ! मौत होना , खुशी की बात नहीं , जो तुम […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।