आज के समय में राजनीति ने सब-कुछ अपने हित के अनुसार बाँध रखा है। छोटे से छोटा प्रतिनिधि अपने इच्छा एवं राजनीति के समीकरणों के अनुसार ही फैसले लेता है। प्रत्येक फैसले राजनीतिक लाभ एवं हानि के अनुसार ही किए जाते हैं। क्योंकि, एक छोटा से छोटा नेता अपनी कुर्सी […]

बहुत सह लिया अब न सहेंगे बेमौत सैनिक अब न मरेंगे धैर्य परीक्षा अब पूरी हो गई बातचीत अब नही करेंगे चेतावनी नही हमले की बारी दुश्मन के खात्मे की तैयारी पड़ौसी देश को ओकात बता दो नक्शे से उसका नाम मिटा दो पाक नही नापाक है वह तो गिरगिट […]

 दिनांक 17 फरवरी । राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान का 29 वां वार्षिक समारोह कनोडिया कॉलेज के तत्वाधान में 17 फरवरी को कॉलेज सभागार में प्रोफेसर डॉ०सुदेश बत्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सह सचिव रेनू शर्मा ने बताया कि इस सम्मान समारोह का शुभारंभ अक्षिणी भटनागर के सरस्वती वंदना गायन […]

मुझे गर्व है आज जो मैं हूँ।। मुझे गर्व है आज जो मैं कह सकूँ।। आज न रोक पाएँगे, आँधी-तूफान मै हूँ यूवान, मुझे गर्व है मिला मुझे ज्ञान ज्ञान ही तो बनाए महान।। ज्ञान का प्रकाश जाऊँ में लेकर, चौखट-चौखट करूँ मैं सब को चौकस, मुझे गर्व होगा बहुत […]

कितने वर्षो से हम, सब सह रहे है , खून के घूट मानो, कब से पी रहे है / कब तक जवानो को, यूही शहीद करवाओगे, मर्द होकर भी क्यों, हम नामर्द कहलायेंगे ? बंदकरो अब ये, राजनेताओ की वार्तालाप, साथ ही बहुत करलिए, शांति के प्रयास / गोली बारूद […]

दोस्तो बात  80 के दौर से शुरू करते जब खबरे पहुचने सबसे आसान और सुलभ साधन होता था रेडियो, जिस पर लोगो को हमने कान गड़ाए कंधो पर उठाए गाने, कॉमेंट्री, समाचार सुनते देखा था,, फिर आया देश मे 80 का दशक जिसमें टीवी आया,जिस पर मात्र एक चैनल दूरदर्शन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।