उबलता हुआ घुआँ में जैसे लहर आयी हो बूँद-बूँद को तड़पेगा दृढ इच्छा शक्ति के सहारे तेरे फैसले होने लगे वायदे के सहारे। सदियों से हमारा पानी पीकर आँख हमें दिखलाता रहा हमें जख्मों पर जख्म देता रहा वर्षो से आँख मूँदकर हमारी सरकारे सोती रही। आबाद रहे सरकार हमारी […]

हिन्दी  जननी है, मुझे गर्व है हिंदी और भारतीयता पर- कवि मुकेश मौलवा   इंदौर । मातृभाषा के उन्नयन के लिए प्रत्येक व्यक्ति के मन में भाषा के प्रति प्रेम होना चाहिए, भाव से ही भाव बनता है, उक्त कथन मुख्य अतिथि स्वामी विदेहदेव जी ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही […]

आपस मे प्यार ही प्यार  हो      एक दूजे के सब मददगार हो  जाति,धर्म का न कोई भेद हो         सदभावना सद्व्यवहार हो मेरे चनम में हो अमन शांति     खुशियों के ही सब त्योहार हो है दुआएं मेरी मंजिल मिले       सपने […]

समय हर समय को ,बदल देता है, बस उसे कुछ, समय चाहिए / जो समय की, कदर करता है, समय उसकी किस्मत बदल देता है।। समय से पहले और, किस्मत से ज्यादा, न किसी को, कभी मिला है, और न मिलेगा / बिना कर्म किये, किस्मत, के सहारे रहोगे , […]

हम चैन से सोते है घर पे सारी रात भर, क्योंकि जवान है सीमा पे खड़े सीना तान कर, हम मनाते हैं घर पे सारे पर्वों को परिवार के ही साथ, उसकी भी सोचों जो जा न पाते किसी त्योहार पे भी घर, कितने सालों से बहन ने भाई की […]

जीवन एक चुनोती है इसे समझ लो खूब जिसने इसको अपना लिया सफलता इसके मूल मंजिल इसी से मिलती है इसी से बनती राहे जो इस पर चलता गया विजय मिली बाह फैलाये पर लक्ष्य मिलने पर जो ठहर जाता है भाग्य भी उसका नही रहता है लेकिन कर्म जिसके […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।