उबलता हुआ घुआँ में जैसे लहर आयी हो बूँद-बूँद को तड़पेगा दृढ इच्छा शक्ति के सहारे तेरे फैसले होने लगे वायदे के सहारे। सदियों से हमारा पानी पीकर आँख हमें दिखलाता रहा हमें जख्मों पर जख्म देता रहा वर्षो से आँख मूँदकर हमारी सरकारे सोती रही। आबाद रहे सरकार हमारी […]
