यादों के झरोखे से ,,, फ़िल्म दोस्ती 1964 फ़िल्म समीक्षक इदरीस खत्री क्लासिक फिल्मो को लेकर शुरू कर रहे है यादों के झरोखे से ,,, में आज फ़िल्म दोस्ती से जुड़ी कुछ यादें जाने वालों ज़रा मूड के देखो,, या चाहूँगा तुझे सांझ सवेरे,,,, राही मनवा दुख की चिंता,, मेरा […]

वह स्करैप जैसा था चाहे जैसा रंग भर दो परन्तु वह तो कट्टर अनुशासन में रहा फिर सीख गया वह घृणा करना भी जब था स्वाधीन वह करता था बहुत प्रेम आके इस दुनिया में हो गया”अकेला”वह #राम बहादुर राय “अकेला” एम.ए.(हिन्दी, इतिहास ,मानवाधिकार एवं कर्तव्य, पत्रकारिता एवं जनसंचार),बी .एड. […]

मुस्कुराने के फिर बहाने मिल गए दोस्त  मेरे  सब  पुराने  मिल  गए खुद को  ही  मैं  बहलाने  लगा हूँ मेरे लबों को वो तराने  मिल  गए सुना दो कभी वो दिलो की दास्तां यू लगा जैसे गुजरे जमाने मिल गए सूनी थी गलियां और मन था उदास ख्वाब आँखों को […]

देश के लिए पुलवामा हमले के दर्द से उबर पाना आसान नहीं है। 46 वीर जवानों की शहादत लंबे समय तक टीस देती रहेगी… पिछले सप्ताह इस आतंकी हमले के दौरान मातृभूमि के लिए जान न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शहादत से पूरे देश में शोक का माहौल बना। […]

मुंबई( महाराष्ट्र ) | श्री मुंबई दिगम्बर जैन सेवा समिति मुम्बई द्वारा आयोजित पन्द्रहवाँ विशाल विवाह योग्य युवक-युवती परिचय सम्मेलन 14 अप्रैल 2019 रविवार को हलारी बीसा ओसवाल हॉल, दादासाहेब फालके रोड, रणजीत स्टूडियो के सामने दादर (पु), मुंबई -14 में होने जा रहा हैं, इच्छुक युवक, युवती और उनके […]

कोई शिकवा नही कि तू हम को मिला नही। बिछङ के भी तुझसे अब कोई फासला नही। इज़्तिराब ऐ शौक हम से अब न पूछिये मेरी मोहब्बतों का मिला कोई सिला नही। बहार आई भी और आकर चली भी गई दिल मेरे का फूल ही बस खिला नही। पशेमाँ हैं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।