लोकतंत्र का पर्व है पंच वर्षीय चुनाव हर वोटर से अर्ज है अपना दायित्व निभाव मतदान अधिकार है माई बाप है आप सरकार अच्छी चुनिए आज निर्णायक है आप प्रलोभन में आना नही अयोग्य को चुनना नही आपका जो बनकर रहे उसे ही मानिये आप जाति धर्म से दूर रहो […]

25 मार्च (सोमवार) को दूरदर्शन बिहार DD Bihar के ‘बिहार विहान’ कार्यक्रम में शिक्षाविद् एवं समाजसेवी डा. स्वयंभू शलभ अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। यह कार्यक्रम दूरदर्शन से सुबह 8 बजे से 9 बजे तक लाइव प्रसारित होगा। Post Views: 41

बाबू जी नहीं रहे, यह खबर सभी रिश्ते-नातेदारों तक पहुँच खई ।  सुदूरवर्ती बेटे को टेलीफून से सूचित कर दिया गया । वह ठीक समय पर पहुँच गया ।  शाम तक  अंतिम क्रियाकर्म के लिए सभी  आ चुके थे। घर के बाहर लोगों का जमावड़ा था। महिलाओं ने बड़ी मुश्किल […]

बिहार की यह राजधानी इतिहास की निशानी गंगा किनारे पटना शहर बहे पवित्र-धारा जीवन कल-कल। गाँधी मैदान और गोलघर दे रही शकुन पल-पल गाँधी सेतु और अशोक महल गौरव बढ़ाए हर- पल। चाणक्य बुद्ध और गुरू गोविन्द जन-जन का बना पदचिह्न। स्वतंत्रता आन्दोलन के वीर कुँवर सिंह की जोश की […]

अपेक्षा किसी से करो नही सहायता किसे से मांगो नही स्वयं की शक्ति को पहचानो अपनी अन्तरात्मा को जानो जो अपनी सहायता खुद करते है परमात्मा उनकी शक्ति बनते है यह शक्ति परमार्थ के लिए हो स्वयं के कल्याण के लिए हो इससे सदुपलब्धि मिल जाएगी सर्व समस्याएं हल हो […]

आवाज आ रही चीख पुकार की  बातें बढ़ने लगी है अत्याचार की खून से सना हुआ अखबार आ रहा कमी सी  खलने लगी मददगार की अर्धनग्न हो गए शर्मो हया खोने लगी भुला रहे बात क्यों,ये संस्कार की भीड़ बढ़ने लगी मदिरा की दुकान पर फिक्र उसको नहीं दूध के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।