मैं तेरे ही गुण गाता हूँ भारत पता नहीं किस ओर मुख करूँ पर तेरे ही गुण गाता हूँ भारत। तेरे वृक्षों पर बैठ बैठ कर, खेत खलिहानों को देख देखकर, वसंत शिशिर को सोच सोचकर, राजनीति के दाँवपेंच में, मैं तेरे ही गुण गाता हूँ भारत। महाभारत को सुना […]

पावन  पुण्य  है *सुरसरि*, भारत  में वरदान। *देवनदी*  कहते   सभी, माता सम  सम्मान।। .                     २  कहे *त्रिपथगा*  कुम्भ में,  मेला भरे विशाल। रीत *जाह्नवी*  पुण्य की, भक्ति में,जयमाल।। .                     ३  *भगीरथी*  भू   पर  बहे, भागीरथी   प्रयास। *देवापगा*  सदा रहे, भारत  जन  की  आस।। .                      ४  *मंदाकिनी* का नीर तो, अमरित पान समान। *मोक्षदायिनी* […]

यादों का मौसम सुहाना लगता है दिल  का  रिश्ता  पुराना लगता है तुम ही सोचो तुम्हे कैसे भूल पाएंगे धड़कते दिल का तराना लगता है तुमको  पलको  पर  बिठा  रखा है नामुनकिन तुमको भुलाना लगता है अहसास  प्यार के मर नहीं सकते  तुमको  अपना  बनाना  लगता है दूर हो मुझसे […]

शांति क्रांति चुनाव न जानती भेद-भाव लोगो में बाँटती। जात-पात नफा नुकसान धर्म मजहब लालच है पहचान। गूस्ताखी करते-फिरते दिन-रात जबकि आज भी सड़को पर सो रहे गरीब अनाथ। एक से बढकर एक योजना फिर भी गरीबो को पड़े सोचना। झूठ फरेब की पहाड़ा नेताओं का है सहारा। देखो आया […]

(1)ज्ञान के रंग      जीवन में भरते        गुरु व संत (2)धन का रंग      भरी दीनों की झोली       कान्हा की होली (3)भोर उड़ाए      सतरंगी गुलाल      आसमां लाल (4)सांझ के गाल       जाते जाते भी किए   […]

आजादी के हित नायक थे, .        उनको शीश झुकाते हैं। भगत सिह सुखदेव राजगुरु, .         अमर शहीद कहातें हैं। *भगतसिंह* तो बीज मंत्र सम, .          जीवित है अरमानों में। भारत भरत व भगतसिंह को, .            गिनते है सम्मानों में। *राजगुरू* आदर्श हमारे, .          नव पीढ़ी की थाती है। इंकलाब की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।