युवा लेखक संजीव कुमार गंगवार एक गम्भीर व जागरूक चिन्तक हैं। इन्होने गुजरात भूकंप त्रासदी पर ” आपरेशन गुजरात ” व प्रेरणादायक ( motivational )  पुस्तकें ” आपकी सफलता आपके हाथ ” , ” विजेता बनने के लिए ” व ” जीत निश्चित है ” जैसी पुस्तकें छोटी सी उम्र […]

बहुत उलझन में हूँ! रस्ते भटक रहे है अब! कंकड़ियां सवाल कर रही मुझसे जवाब किसी गुफ़ा में चले गए है नदी में समुद्र कूद रहा है मौन सा पौधे पेड़ो से करते है चतुराई बहुत उलझन में हूँ! रस्ते भटक रहे है अब! शोर ने ताला लगा दिया मौन […]

*राधा से कान्हा कहे, अब होली  के बाद।* *अब भी अपने देश में, होली  है  आबाद।* *होली  है आबाद, रिवाजें     बहके बदले।* *प्रीत नेह व्यवहार,लगे मन मानस  गदले।* *शर्मा  बाबू लाल, गऊ क्यों लगती बाधा।* *तरु कदम्ब की छाँव,कहे मुस्काती राधा।* .                      *२*  *राधा मुस्काती कहे, सुन  लो गोपी नाथ।* *कहाँ […]

नई दिल्ली | विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) सहित सम्पूर्ण विश्व के हिन्दुओं की मांग है कि पाकिस्तान में अपहृत हिन्दू नाबालिग़ बालिकाओं को रिहा कर वहां पर हिन्दुओं, उनकी संस्कृति व धर्म स्थलों के विरुद्ध लगातार हो रहे उत्पीडन पर पूर्ण बिराम लगाया जाए. आज दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते […]

आपसी में तकरार क्यो है ये रिश्तों में दरार  क्यो  है न जाने नजर किसकी लगी फीके सब त्यौहार क्यो है टीस सी उभरती है सीने में बदला हुआ व्यवहार क्यो है रौनक भी जाने कहा खो गई सुना ये  घर  द्वार  क्यों है क्यो बढ़ गया रंजिशों का चलन […]

वाह रे सियासत तेरे रूप अनेंक, यह एक ऐसी पहेली है जिसको समझ पाना अत्यंत जटिल है। क्योंकि, कोई भी राजनीतिक व्यक्ति की कथनी एवं करनी में बहुत ही बड़ा अंतर होता है। कोई भी नेता क्या कहता है यह अलग विषय है परन्तु वह करता क्या है, इसे समझने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।