तेरे जाने से,अब ये शहर वीरान हो गया, तेरे जादू का असर अब जाने कहा खो गया, तेरी पायल की झंकार से, ये सारा शहर जाग जाता था, अब उन झंकारो का खतम नामों-निशान हो गया, बहुत ढूँढ़ा मैनें तुझे मुशाफिरों की तरह, भटकता रहा,छिपता रहा,कायरो की तरह, अब तक […]

  अपनी कृपा की कोर दो वरदान दो वरदान दो | वागीश वीणा वादिनी करुणा करो करुणा करो | मुझको अगम स्वर ज्ञान का वरदान दो वरदान दो | निष्काम हो हर कामना मैं नित करूँ आराधना | मन का कलुष तम दूर हो वरदान दो वरदान दो | नव […]

  पांव के बिरोध में जूतों ने कर दी है बगावत नहीं रहेंगे अब वो पांव में बदल लिये हैं अपनी भूमिका अब जूते निशाना बना रहे हैं तानाशाहों को गिर रहे धड़ा-धड़ जूते सिर पे तानाशाहों के कह रहे हैं जूते इन तानाशाहों से बचो यदि बच सकते हो […]

जय अंबे, जय जगदम्बे   ,माता शेरों वाली। रे मन! ले जा उन गलियों में मुझे, जहाँ रहती ज्योतावाली।। है वो ही सुख दायिनी मैया, दुविधा हरने वाली। नेत्रहीन की आंखों में भी, नवज्योति भरने वाली।। रे मन! ले जा उन गलियों में….. जय अंबे, जय जगदंबे, माता शेरों वाली। रे […]

ब्रह्मचारिणी देवी माँ      नवदुर्गा रूप है माँ          भक्तो को वर देती माँ               भक्ति हमे दीजिये।।1।।             जप माला दाएं हाथ      कमंडल बाएं हाथ            करती है […]

  हर रोज़ ही कोई नई खता चाहिए इस दिल  को दर्द का पता चाहिए कब तक होगा झूठा खैर मकदम मुझे अब बेरुख़ी का अता* चाहिए अच्छे लगते ही नहीं सूनी मंज़िलें काँटों  से  ही भरा  रास्ता चाहिए मेरा इश्क़ सबसे निभ नहीं पाएगा सो हमनबा भी कोई सस्ता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।