चल अकेला चल अकेला मत निराशा साथ ले। बढ़ अकेला बढ़ अकेला मत निराशा साथ ले।। स्वप्न सी ही जिंदगी है जी ले हर पल मस्ती से। क्या पता कल हो या न हो प्यार भरी इस बस्ती में।। रिश्ते नाते की दीवारें तोड़ ले मन जोड़ ले बढ़ अकेला……….. […]

मां जैसा कहीं प्यार नही है,, मां के आगंन सा कोई ससांर नही है,, बेटे फिर भी पास है रहते,, क्यूं बेटी का मां पर अधिकार नही है,, भारी पीड़ा भी बेटी ” मां ” से कह देती है, फिर बेटी से विरह को मां कैसे सह लेती है,, मां […]

कोई पागल समझता है,  कोई नादाँ कहता है। तेरे प्यार में जानम, क्या क्या सुनना पड़ता है। ज़माने के लोगो को, कुछ भी कहना होता है।  कोई पागल समझता है,  कोई दीवाना कहता है।। झुकाकर पलके अपनी,  सलाम तुम को करते है।  दुआ दिल कि बस हम,  तुम्हारे नाम करते […]

तनिक नही भयभीत मैं अविचल खड़ा अटल हूं। न हार में न जीत में मैं सत्य पथ पर प्रशस्थ हूं। नही बदले मेरे विचार नही मांगा कुछ अधिकार अपने संस्कार पर आबद्ध हूं अटल अविचल अडिग हूं सम्मान देश का मुझे चाहिए जननी धरा का अभिमान मुझको चाहिए। मिट्टी से […]

साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा 25 अप्रैल 2019 को दैनिक विषय रामायण पर सारगर्भित प्रस्तुति न सिर्फ पटल को सुहागा किये बल्कि चार चाँद लगा दिये पटल दैनिक रामायण विषय पर लगभग 25 से ज्यादा प्रतिभागियों ने अभिव्यक्ति के माध्यम से अपनी सारगर्भित प्रस्तुति दी ।यह आयोजन समय प्रातः 10 […]

पूरे गाँव में उत्साह का वातावरण छाया था, चारों तरफ खूब चहल-पहल थी। क्या बच्चे, क्या बूढ़े, सभी खूब मौज-मस्ती कर रहे थे। कच्चे घरों की दीवारों पर मनमोहक कलाकृतियाँ बनाई गयीं थीं। चबूतरे को गोबर से लीप-पोतकर किरण सुन्दर रंगोली बनाने में जुटी थी। समूचा गाँव अत्यन्त भव्यता लिए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।