काली-काली हे बदरिया पिया से जा के क ह संदेशिया ऐसे में, सजन काहे हैं परदेशिया। कैसे कहू मैं काली बदरिया पिया के संदेश ना’ नाही कोई खबरिया काली काली बदरिया▪▪▪▪▪ जब जब हो, चमकत बिजूरिया तन-मन में उठत हिलोरिया काली-काली बदरिया पिया से जा के क ह संदेशिया ऐसे […]

खुद की खोज जारी रखो, मरनें की रोज तैयारी रखो,   कब कौन कहां बदल गया, इसकी पूरी जानकारी रखो,   खुद पर यकीन करना सीखो, नियत सच्ची और जुबां प्यारी रखो,   वहम और अहम मत पालों कभी, चुनिंदा लोगों से हरदम यारी रखो,   हक के लिए सदा […]

हत्या किसकी पार्टी या विचारधारा की, नेता या नेतृत्व की, जनता या जनादेश की, जनमत या ध्वनिमत की, वंशवाद या नौकरशाही की, राजनैतिक भविष्य या नई संभावनाओं की, प्रबंधन या प्रयोजन की, प्रश्न या प्रतिप्रश्न की, पूंजी या पूंजीवादी सम्प्रभुता की, उजाले या अँधेरे की… और भी कई बातें, कई […]

जब अपने हुए पराये किसका दोष कौन बताए। रुपयों की खनक अधिकार की धमक रौदते रिश्ते की खुश्बू स्वार्थ की बात समाये जब अपने हुए पराये…….. एक खून जज्बात एक क्यों लोग भटके जाते हैं तेरा मेरा कुछ नही पर क्यों सिक्के खनखनाते हैं प्रेम के सूत्र में पिरोये मोती […]

    उम्र से कोई बड़ा नहीं होता। यदि आपकी सोच बड़ी हो और लक्ष्य लेकर आत्मविश्वास से आप आगे बढोगे तो सफलता की राह में कोई बाधक नहीं बन सकता। ऐसी ही कहानी है बाल अभिनेत्री वान्या सिंह की। केवल 13 वर्ष की वान्या ने जो करिश्मा करा वह […]

काम अधूरे अबकी बार कर देना उम्मीद है तुमसें सरकार कर देना मिटे अंधियारा रोशन रहे जग सारा खुशहाल सारा गाँव परिवार कर देना रोटी को न तरस जाए कोई ऐसा न हो मिले सबको ऐसा रोजगार कर देना बिजली हो पानी हो सुविधा सारी हो किसी गरीब को न […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।