त्रिभाषा-सूत्र के विवाद पर तीन-तीन मंत्रियों को सफाई देनी पड़ी है। उन्होंने कहा है कि यह तो शिक्षा समिति की रपट भर है। यह सरकार की नीति नहीं है। अभी इस पर सांगोपांग विचार होगा, तब यह लागू होगी। क्यों कहना पड़ा, उन्हें ऐसा ? इसलिए कि मोदी सरकार पर […]
क्यों एकपल भी तुम बिन राहा नहीं जाता। तुम्हारा एक दर्द भी मुझसे सहा नहीं जाता। क्यों इतना प्यार दिया तुमने मुझ को। की तुम बिन अब जिया नहीं जाता।। तुम्हारी याद आना भी कमाल होता है। कभी आकर देखना क्या हाल होता है। सपनो में आकर तुम चले जाते […]
डेहरी- कुक्षी (धार )। संस्कृति की धरोहर मातृभाषा सर्वज्ञ है, वेदमाता के प्रांगण में हिंदी का महायज्ञ है।उक्त उदगार वेदमाता गायत्री तथा श्री राम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर स्थानीय गांधी चौक में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में ओज के प्रसिद्ध कवि मुकेश मोलवा ने कहें। अपने चिर […]
जिसकी सूरत पर भावों की कल-कल बहती सरिता है। उस पर कविता क्या लिखूँ जो खुद ही एक कविता है। रुप की रुप, धूप धूप का ताप, ताप का क्या कहना। मूल बढ़ाया कुंडल का जो कानों में इसको तूने पहना। लाल गाल पर तिल तिल का जादू का क्या […]
क्या करे क्यो करे किसके लिए करे, कोई तो हमें समझाए। मिला हैं मानव जन्म हमें, तो कुछ अच्छा कर जाएं। ताकि ये जीवन सफल हो जाये।। कितना कुछ हम लोगों ने, देश दुनियां को बदल दिया। पर खुदको हम बदल न पाए। बढ़ते दुसरो के कदमो को, खिंचकर पीछे […]
झूठ,फरेब,स्वार्थ,मक्कारी की राजनीति स्वयं शिकार हो गई लोकतंत्र के बिगड़े स्वरूप में मशीन जीत का आधार हो गई चुनाव से पहले सीमा पर भी अमन, चैन गायब हो गया देश पर आए मौसमी संकट पर देश मे हर कोई चौकीदार हो गया भला हो इस चुनावी महायज्ञ का सारे संकट […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।