भारत देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है – *हिंदी* और करीब सत्तर प्रतिशत जनता हिंदी भाषा का प्रयोग दैनिक जीवन में करती है। पहले हिंदी के संचार का माध्यम सीमित था अखबार ,रेडियो, टेलीविजन, कंप्यूटर, लेपटॉप तथा इंटरनेट की दुनिया ने तो जैसे एक नई क्रांति ही […]

पक्ष – विपक्ष के भेद बिना संसद चले किसी द्वेष बिना मर्यादा संसद की भंग न हो नफरत की कोई जंग न हो पुरजोर पैरवी जनहितों की हो सीमाओं की रक्षा को द्वंद्व न हो दल नही देशहित सोचिए दलबदल की राजनीति छोड़िए जनता के भरोसे को पूर्ण कीजिए जो […]

अपने मतलब की है,सबके हित की सरकार नही मुर्दो मे गिने जावोगे अगर भरी तुमने हुंकार नही। हालात को देख समझ के दुनियादारी सीख लो मांगने से भीख ही मिलती है,हक अधिकार नही। अपनी लडाई खुद लडनी है इतना तुम जान लो मदद को तुम्हारे आयेगा अब कोई अवतार नही। […]

स्वस्थ शरीर की अगर चाह है, योग ही सबसे सरल राह है। जीवन रोगों से मुक्त करो, प्रतिदिन उठकर योग करो। बहुरंगों के जीवन को तुम, और सजाने का यत्न करो। निश्चित ही जीवन निखरेगा, थोड़ा थोड़ा प्रयत्न करो। रोगों के अंधियारे को तुम, योग दीप से दूर करो। अब […]

  16वीं लोकसभा के गठन के बाद भारत के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र संध में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया जिसे स्वीकार करते हुए 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाने के लिए घोषित किया गया।आज विश्व के लगभग180 देश इस दिवस को मनाने लगे […]

1. घर की शान पहचाने बिटिया मान मर्यादा 2. अमूल्य धन दो घरों का चिराग शिक्षित बेटी 3. बेघर हुए नदी किनारे बसे गरीब लोग 4. बर्फ का घर हिमालय पर्वत भारत ताज 5. बेघर किए सुनामी लहरों ने हज़ारों लोग 6. खुला आकाश गरीबी मजबूरी घर अपना 7. फूस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।