बहती हुई नर्मदा की धारा, नदी तट के घाट, गाँव के मन्दिर और मोहल्ले, और न जाने क्या-क्या! अरे! घुमावदार रास्ते और गाँव की पगडंडियाँ, उनमें एक चढ़ाव-उतार वाली गली। गाँव में प्रेम से चाय पिलाते लोग, अमाड़ी की भाजी और रोटी ज्वार की, मीठी गट चाय और पाती मनुहार […]

‘अनहद अहद’ का आयोजन सम्पन्न परकाया प्रवेश जैसा है बाल साहित्य का लेखन- डॉ. द्विवेदी बाल मन के कुशल चितेरे रहे अहद प्रकाश- डॉ. बलवटे बाल सुलभ मन के धनी अहद जी- कान्ता रॉय भोपाल। शहर के सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार एवं बाल साहित्यकार अहद प्रकाश की स्मृति में मातृभाषा उन्नयन संस्थान […]

जनपदीय बोलियों को भी मान मिले- पद्मश्री ‘जोशीला’ हिंदी की उन्नति से होगी राष्ट्र की उन्नति- सुश्री ठाकुर इन्दौर। ‘जनपदीय बोलियों के साथ हिंदी मज़बूत होगी, संत सिंगाजी की बोली निमाड़ी को उपेक्षित कर दिया गया है, इसलिए जनपदीय बोलियों को भी मान मिले।’ यह बात पद्मश्री जगदीश ‘जोशीला’ ने […]

भोपाल। लघुकथा दिवस के अवसर पर लघुकथा शोध केन्द्र समिति द्वारा भोपाल के हिन्दी भवन में शुक्रवार को लघुकथा पर्व 2025 का आयोजन किया गया। इस आयोजन में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्दीयोद्धा डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ को हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए ‘विशिष्ट हिन्दी सेवी सम्मान […]

आज के परिवेश में अभिभावकों को बच्चों की चिंता है, बच्चे अपने अभिभावकों को मित्र मानें- डॉ. अर्पण जैन भीकनगाँव। अंचल के ग्राम गोराडिया स्थित ज्ञान सागर वात्सलय संस्थान द्वारा संचालित ज्ञान सागर हाई स्कूल में क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। प्रतिभा सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि […]

गाँव-गाँव पहुँच रहा हस्ताक्षर बदलो अभियान भीकनगाँव। मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा संचालित हस्ताक्षर बदलो अभियान कवि कृष्णपाल सिंह के नेतृत्व में गोराड़िया ग्राम स्थित ज्ञान सागर हाई स्कूल में पहुँचा। छात्रों ने अपने हस्ताक्षर अन्य भाषा से बदलकर हिन्दी में करने का निर्णय लिया। कवि कृष्णपाल सिंह ने बताया कि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।