संपादक – डॉ. नरेश कुमार सिहाग (एडवोकेट) व अतिथि संपादक धनंजय चौहान मंगलमुखी के श्रेष्ठ संपादन में प्रकाशित बोहल शोध मंजूषा का साहित्य, समाज और किन्नर विशेषांक बहुत ही सुंदर बन पड़ा है | करीब 260 प्रष्ठों का फुल साइज में आकर्षक आवरण पृष्ठ के साथ बेहद ज्ञानवर्धक सामग्री से […]

हवा दीया बुझा तो सकती है जलाना उसके वश में नही विकार हमे गिरा तो सकते है संवारना उनके वश मे नही नकारात्मक अवरोधक तो है गति देना उसके वश मे नही जो वश में है करके देखिए सकारात्मक बनकर देखिए दूसरे की मदद करके देखिए ईश्वरीय विश्वास करके देखिए […]

अच्छे दिनों वाली कहानी नहीं है बेरोजगारी में आमदानी नहीं है जुमले के सिवा यहाँ मिला क्या है कैसे न कहें कि मनमानी नहीं है विकास तो कागजों में नजर आया सच यही सड़क नहीं तो पानी नहीं है तड़प इतनी भूख से मर रहा कोई सुध नहीं,किसी की मेहरबानी […]

आमआदमी के लिए कुछ मौके बहुत खास होते हैं एक तो होली का जलूस और दूसरा कोई शोभायात्रा । होली के जुलूस में आम आदमी अपने फटेपुराने कपड़ों को पहनकर सड़कों पर ऐसे नाचता चलता है मानो उसके बगैर होली का यह जुलूस अधूरा ही रहा आता । कैसे भी […]

रुड़की | विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के अवैतनिक उपकुलसचिव श्रीगोपाल नारसन ने कहा कि हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली संसार की तीसरी भाषा है।भारत के साथ साथ मॉरीशस, युगांडा, गुयाना, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड,पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, सूरीनाम, त्रिनिदाद, साउथ अफ्रीका में हिंदी बोलने व हिंदी में लिखने वालों की संख्या […]

सारी दुनिया तो खूबई डरात है कोरोना वायरस खाए जात है । जब से जो दुनिया में आओ दुनिया हो गई सुनी लॉकडाउन जो सभी जगह करात है कोरोना वायरस खाए जात है । हमें सिखा दयो, मास्क लगावों सैनेटाइजर रक्वों क्वारंटाइन जो पीड़ित को करात है कोरोना वायरस खाय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।