जिसका डर था वही हुआ किसान क्यों हिंसक हुआ शर्मनाक है हिंसक होना लालकिले में दाखिल होना लालकिला देश की आन है यही तिरंगे की पहचान है जिसने हिंसा की दंड मिले राष्ट्र एकता का सबक मिले आंदोलन अहिंसक ही अच्छा जन जन हो जिनमे सच्चा मिल बैठकर सब बात […]

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी मिथलेश सिंह मिलिंद नई दिल्ली : आज के कार्यक्रम में भव्य छंदोत्सव/गणतंत्रोत्सव का आयोजन, नौ पुस्तकों का विमोचन, मनोनयन, सम्मान वितरण व इकाई का उद्धाटन समारोह बहुत ही भव्य तरीके से हुआ सम्पन्न, जिसमें देश के विविध प्रांतों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम, हरियाणा, […]

पसंद नहीं वर्षा के दिन नहीं भाती पूस की रात मिट्टी का घर है उसका निर्धनता है उसकी ज़ात श्रम की अग्नि में जब वह पिघलाता है कृशकाय तन तब उपार्जन कर पाता है अपने बच्चों के लिए भोजन उसकी छोटी-सी भूल पर भी उठ जाता सबका उस पर हाथ […]

समान नागरिक संहिता, गौ रक्षा, समान न्याय और निःशुल्क कानूनी सहायता, प्रत्येक व्यक्ति को काम व शिक्षा जैसे अनेक प्रावधान संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में वर्णित हैं। किन्तु, इस संबंध में सार्थक पहल चिर-प्रतीक्षित है। इनके अभाव में देश में साम्प्रदायिक उन्माद, कट्टरता व देश विरोधी गतिविधियों को प्रोत्साहन […]

आज समग्र राष्ट्र गणतंत्र दिवस मना रहा है। गण का अर्थ है समूह। भारत की शासन व्यवस्था जनतांत्रिक है। लेकिन जनता सीधे शासन नहीं करती बल्कि उसके चुने हुए प्रतिनिधिगण संविधान के अनुसार शासन करते हैं। 26 जनवरी 1950, आज ही के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इसलिए […]

सुनो मेरे देशवासियों, मनाने जा रहे, 72व गणतंत्र दिवस, कुछ संकल्प ले लो। नहीं करेंगे कोई भेदभाव, हम जाती और धर्म पर। समान भाव सबके प्रति, हम सब मिलकर रखेंगे। तभी हमारा ये देश, दिखेगा विश्व में विशेष।। हमें इस पर है अभिमान, और इसे बहुत है हमें प्यार। इसलिए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।