रामभरोसे और नयनसुख शहर के दो बहुत ही प्रतिष्ठित परिवारों के मुखिया थे। दोनों परिवारों के बीच दांत-काटी रोटी जैसे मधुर संबंध वर्षों से थे। समय चक्र अपने दायित्व का भली-भांति निर्वाह कर रहा था। कुछ समयान्तर के बाद रामभरोसे की पुत्री ने स्नातक और नयन सुख के पुत्र ने […]
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चिंतन-मनन कर पूर्ण विचार, तत्पश्चात प्रयोग कीजे अपना मताधिकार। आओ अशिक्षितों को भी अवगत कराएंं, मताधिकार का उचित प्रयोग बताएं। मँहगाई, बेरोजगारी,भ्रष्टाचार पर करे जो नियंत्रण, उसे ही चुनकर बनाना है हमें जनतंत्र। अगर चुन लिया जो आपने गलत उम्मीदवार, फिर उससे उम्मीद रखना होगी बेकार। मानव अधिकारों का होता […]
