रामभरोसे और नयनसुख शहर के दो बहुत ही प्रतिष्ठित परिवारों के मुखिया थे। दोनों परिवारों के बीच दांत-काटी रोटी जैसे मधुर संबंध वर्षों से थे। समय चक्र अपने दायित्व का भली-भांति निर्वाह कर रहा था। कुछ समयान्तर के बाद रामभरोसे की पुत्री ने स्नातक और नयन सुख के पुत्र ने […]

उम्मीदों और आशाओं का महल तैयार किया, पलकों पर अपनी सदैव नाज किया, लहलहा रही थी खुशियाँ इर्द-गिर्द अम्बर,गगन सब टकटकी लगाये देख रहे थे, सपनों की उड़ान हौंसलों में पंख लगा रही थी, हर सपना हर अपना हर जज्बा सब अपने हो रहे थे, जलाए थे जिसने उम्मीदों के […]

प्रेम-प्रीत की बात करें सब असली प्रेम न जानें, प्रेम के दो अक्षर लगते देखो कितने सुहाने। प्रेम की भाषा बालक समझे और समझे मूक प्राणी, प्रेम के भाव से बोली हुई मीठी लगती है हर वाणी। माँ का प्रेम तो अज़र-अमर है पिता का स्नेह अनमोल है, भाई-बहन और […]

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चिंतन-मनन कर पूर्ण विचार, तत्पश्चात प्रयोग कीजे अपना मताधिकार। आओ अशिक्षितों को भी अवगत कराएंं, मताधिकार का उचित प्रयोग बताएं। मँहगाई, बेरोजगारी,भ्रष्टाचार पर करे जो नियंत्रण, उसे ही चुनकर बनाना है हमें जनतंत्र। अगर चुन लिया जो आपने गलत उम्मीदवार, फिर उससे उम्मीद रखना होगी बेकार। मानव अधिकारों का होता […]

  नव वर्ष का प्रथम दिन है पावन, करते हैं हम सबका अभिवादन। सबक़ो मंगलमय हो नूतन वर्ष, मन में उमंग नई आशा नया हर्ष॥ पूर्व दिशा से नवोदित दिनकर, स्वर्णमयी आभा छाई नभ पर। नई किरणें नव प्रभात है प्यारा, फैला सारी धरती पर उजियारा॥ कण-कण धरती का आलोकित, […]

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दिल मेरा,पर इसमें, धड़कती हैं धड़कनें तुम्हारी। सांसें मेरी, पर चलती हैं सिर्फ तुम्हारे लिए। होंठ मेरे,पर मुस्कुरातें हैं, तुम्हें देखकर। और मेरी आँखें ? उसमें भी तो तुम्हारे ही सपने पलते हैं…! कई बार कोशिश की, पर समझ नहीं पाया,  ‘मैं’ तुम हूं,या ‘तुम’ मैं ? क्या तुम समझ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।