युग सृजन की नव कड़ी को जोड़ती मैं, कुप्रथा की बेड़ियों को तोड़ती मैं। रश्मियों को मैं सदा आहूत करती, रुख हवाओं का प्रभंजन मोड़ती मैंll दीप को देकर सहारा दीप्त करती, मैं सदा नव मल्लिका में ओज भरती। आँधियाँ-तूफान मेरे हमसफर, काल हो-कलिकाल हो,मैं नहीं डरतीll हम अनल में […]

  कोई औपचारिकता नहीं, इसलिए बने बनाए शब्दों का सहारा भी नहीं…। मैं नहीं चाहता कि, बरसों के घिसे-पिटे शुभकामनाओं के शब्दों को फ़िर से थोप दूं तुम पर, जैसा दुनिया करती आई है। मैं नहीं देता हूं तुम्हें… कोई बधाई या शुभकामनाएं, ‘इस अशुभ समय में’ अगर दूं तो […]

कागतन्त्र है, काँव-काँव करना ही होगा नहीं किया तो मरना होगा। गिद्ध दिखाते आँख, छीछड़े खा फ़ैलाते हैं। गर्दभ पंचम सुर में, राग भैरवी गाते हैं। जय नेपाल पराजय, कर प्रबंध झंडा फ़हराते हैं। हुए निसार सहमत जो उनको दिन-रात डराते हैं नाग तंत्र के दाँव-पेंच, बचना ही होगा, नहीं […]

हों सभी खुशहाल नए साल में, अब न हों कोई बेहाल नए साल में। ये रंजो ग़म भी दूर ही रहें सदा, हो कभी न मलाल नए साल में। है मस्ती दिलों में तराने खुशी के, हो खुशी न हो जलाल नए साल में। है सभी को मेरी यह शुभकामना, […]

नई उमंगें,नई तरंगें,दामन में लाया यह नव वर्ष, आशाओं का दीपक लेकर,हंसता आया यह नव वर्ष॥ नई आशा,नई अभिलाषा,नए गंतव्य का सृजन होगा, नूतन अवसर के धूप से,जगमग ये नील गगन होगा। झूमें-गाएं,सब मौज मनाएं,सब पर छाया यह नव वर्ष, आशाओं का दीपक लेकर,हंसता आया यह नव वर्ष॥ इस नवीन […]

ऐसा नव वर्ष मनाएं क्यों, ऐसी संस्कृति बनाएं क्यों ? जब मदिरालय की मदहोशी का मातम फैला रहता हो, सोने की चिड़िया का यौवन धुआं नशे में जकड़ा हो, जब आधुनिकता में आकर अश्लील तराने बजते हों, जब तोड़ के सारी मर्यादा  तन के श्रृंगार बरसते हों, पश्चिम की धुन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।