सफेद फैलती चादर, आसमान से झरते धवल फाहों से निर्मित एक नए साम्राज्य की स्थापना… पारे का गिरता तापमान भयावह ठंड, जिद्दी,बेदर्द,बेपरवाह इस आततायी तानाशाह के अनेकानेक रूप, एक पब में चौंधियाते दूधिया प्रकाश में नृत्य करती बालाएं, कोट,पेंट,टाई में सजे भद्रजन फर्राटा भरती गाड़ियाँ तानाशाह की अवज्ञा, साहस के […]

लाया रखा अमावस को भी ताकत से उजियारे पर। सबका हिस्सा एक बराबर पुरखों के भुनसारे पर॥ बना नहीं मैं पाया सीमा विस्तारों पर, चला हुआ हूं,छांव खुशी की नहीं मिली है। मैं अभाव में ढला हुआ हूं॥ चोटी मिली बाप के दम से,बेटा खड़ा सहारे पर। व्यापक सोच-नजरिया बदले […]

सुबह की प्यारी-सी नींद में वो प्यारी-सी आवाज,-अरे भाग्यवान उठो री,सूरज चढ़ आया है।’ दीपक ताऊ की आवाज ने जैसे नींद को छूमंतर कर उसे नई चेतना प्रदान कर सचेत कर दिया। उस आवाज के साथ ही इक आवाज बिमला ताई की आई,तो जैसे अम्रत के घोल में जहर घोल […]

जहर कुछ जात का लाओ तो कोई बात बने। आग  मजहब  से लगाओ  तो कोई बात बने॥ देश की शाख़ मिटाओ तो कोई बात बने। फ़स्ल नफ़रत की उगाओ तो कोई बात बने॥ सख़्त लहजे में अभी बात न कीजै उनसे। मोम पत्थर को बनाओ तो कोई बात बने॥ अब […]

हो ऐसी शुरुआत कि रिश्ते पावन होवें। हृदय वेदना तोड़ बंध रिश्ते न खोवें॥ अपने कारण दर्द किसी आँखों में आया। सोचो खोया बहुत नहीं कुछ हमने पाया॥ जीवन है संग्राम किन्तु लड़ दानवता से। केशव को कर याद पावनी मानवता से॥ धर्म-कर्म परमार्थ पिनाक उठाना होगा। अवध न जाए […]

कुछ गाओ दर्द उन्हीं का,जो घर होकर बेघर रहते हैं, हालात के हाथों हो मजबूर,जो घर होकर बेघर रहते हैंl कुछ होते दूर माँ से अपनी मर्जी से, कुछ को भूख दूर लेकर जाती है कुछ होते हैं दूर पैसों की खनक से, तो कुछ को मजबूरी भी दूर करती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।