वर्तमान में मुझे विवाह की परिभाषा बदलती हुई नजर आ रही है। अब विवाह का अर्थ वि + वाह ! पर आधारित हो गया है अर्थात विवाह वही जिसे देखकर लोग कहें – वाह वाह ! वाह वाह ! यह स्थिति कमोवेश हर वर्ग में देखने को मिल जाती है […]
राजतंत्र उखाड़ा हमने, आज का लोकतंत्र निराला है। चाबी है भूखे नेताओं के पास , प्रजातंत्र के ताला है ।। नेताओं के वादों ने,जनता को गुमराह कर डाला है। बहाया है पैसा खरबों, ये तंत्र राजशाही का साला है।। आज़ाद भारत ने सोचा,देश का संविधान रखवाला है । प्रश्न इस […]
जिन्होंने किया हो मां-बाप, एवं बड़े बुजुर्गों का सम्मान। उन्हें दुःख में भी सुख एवं अंधेरे में भी, उजाले की अनुभूति हो जाती है।। जिन्होंने रखा हो जाति-पाति, धर्म-भेद, एवं वर्ग को भूलाकर सबका मान। उन्हें सुखमय जीवन एवं सबके आशीर्वादों, से भरी झोली मिल जाती है।। जिन्होंने निस्वार्थ भाव […]
संवेदनशील रहना सीखो करुणाभाव जगाना सीखो मानवीयता मे जीना सीखो स्वयं को अच्छा बनाना सीखो इंसानियत बढ़ती जायेगी समस्याये घटती जायेगी चेहरे पर खुशी आ जायेगी परमात्म कृपा हो जायेगी आत्म स्वरूप मे रहना जरूरी है देह अभिमान छोड़ना जरूरी है ईर्ष्या द्वेष मिटाना जरूरी है ईश्वरीय ज्ञान पाना जरूरी […]
मेरी चाहत, मोहब्बत, वफ़ा, बस तू ही है | मेरी राहत, इबादत, सफा, बस तू ही है | मेरी तिश्नगी, दीवानगी, सबा, बस तू ही है | मेरी तड़प, इंतजार, इजहार, बस तू ही है | दिल से कहूँ ए दिल तुझको, मुझमे बस तू ही है | […]
ओ री ! तू पाखी बन जाए जो नीड़ तब गीत सुनाना । पंख पसार चोंच में ले तिनका होंगे नव निर्माण प्राची की दिशा करते कलरव तब गीत सुनाना । बहती हवा बन कर दुश्मन उड़ा ले जाए नीड़ फिर भरना हौंसले की उड़ान नव नीड़ बनाना । श्रम […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।