#ज़ख्म_है_तो_लाज़मी_है_दर्द_होना बेशक़ दिखते नहीँ.. #दर्दे जिग़र पे एहसासों की परत जो लगी है यादेँ हैँ तो लाज़मी है अश्कों से धोना  सूख जाते हैँ कुछ नासूर_ए_ज़ख्म   बस चंद बूँदों से धोने पड़ते हैँ     रिसते रहते हैँ ….कतारों में वो #दर्द जो लम्हों में ठहरे रहते हैँ ज़िस्मों_जाँ […]

जमी बंजर में पौधा नेह का हम बो नही सकते ये झूठे प्यार के नातों को हम यूँ ढो नही सकते भले तालाब छोटा हो मगर अपनी जगह वो है समन्दर में कमल जैसे कभी भी हो नही सकते भले सुबह से लेकर शाम तक उजियारा दे कोई मगर रातों […]

जिंदगी वह सफल है जिसमे पुरुषार्थ का फल है भाग्य नही पुरुषार्थ बड़ा है यह भाग्य से आगे खड़ा है पुरुषार्थ ही है ईश्वर सेवा जीवन मे मिलती है मेवा इससे सब अपने बन जाते आप सभी के प्रिय हो जाते जीवन मे खुशिया आ जाती परमात्म कृपा स्वत:हो जाती […]

पुष्प के आसन बैठी लिये कर, बीन सुरूप छटा छिटकावति। पूरन चन्द समान सुआसन, कंज सों नैंनन की छवि छाजति।। जाके पवित्र चरित्र सदा, सब देव-अदेव हैं चाव सों गावति। सो वरदायिनी देवी सदा, “मृदु” भक्तन के हित सिद्धि है लावति।। #डा. मृदुला शुक्ला “मृदु” लखीमपुर – खीरी  उत्तर – […]

सूरज तपा रोम रोम पसीना गरम हवा धूप तपन बरसती अगन करुं जतन चिरैय्या उडी देखती सूनी प्याली हां नीर नहीं नदी पोखर प्यास बुझती नहीं रीति सूखी सी भीषण गर्मी खेत औ खलिहान किसान दुखी वर्षा फुहार धरती झूम उठी बुझाए प्यास कैरी का पना तरावट दे रहा आम […]

जमीन बिक चुकी है , आसमान बिक चुका है , ख्वाहिशों के धंधे में , हर अरमान बिक चुका है , पल भर का समय नही , पल भर का समय नही , की खुद को समय से तौलु , सपनों के तलाश में , समय का आशियाँ बिक चुका […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।