राधा तुमको अब मै क्या बोलूं । क्यों मैं तुमरे आगे पीछे डोलूं। पता नही क्या समझे दुनियां। सो मन के भेद कहाँ पर खोलूं। कान्हा तुम हो और हम है। फिरकिस दुनियां का गम है। मुझे कुछ भी दिखाई नही देता। बस दुनियां सारी हम तुम है। पता नही […]
चलने के लिये कदमों का रूकना भी जरूरी है रूकना जरूरी है तो संभलना भी जरूरी है|| गुलाब जरूरी है तो काँटे भी जरूरी हैं चहक उठे बगिया तो खिलना भी जरूरी है|| ऊषा जरूरी है तो यामिनी भी जरूरी है फ़र्श से उठने […]
कुछ अँधेरों के साथ रहती हूँ यूँ उजालों की बात कहती हूँ बनके “माही” में ज्वार भाटा भी इस समन्दर के साथ बहती हूँ 2)- पर्त दर पर्त जब भी खुली हूँ मैं आँसुओं से सदा ही धुली हूँ मैं रुख़ बदल डालूँगी इन हवाओं का आज इस बात पर […]
आजकल हम सब लोग पश्चिमीकरण और आधुनिकता की दौड़ में इतने अंधे हो चुके हैं कि हम अपनी भारतीयता को, अपनी भारतीय संस्कृति को, सभ्यता को, भारतीय मूल्यों को भूलते जा रहे हैं ,जो वास्तव में पृथ्वी का आधार कहीं जा सकते हैं। मैंने इस छोटी सी कहानी के माध्यम […]
धुंधलाने न दे नन्हें विटपों का सवेरा , उम्मीदों की उड़ानों से भरा है चेहरा , छोटे हैं पर सपने इनके खूब बड़े – बड़े , दे बड़ें इन्हें आकार आगे हैं ये बढ़ें । नयी तकनीकियों में झूल रहा है संसार , नोनिहालों का बचपन करे है ये दुश्वार […]
कौन हैं जो राज अपने उन तलक पहुँचा रहे । खा रहे हैं देश की गाने विदेशी गा रहे ॥१॥ दुश्मनों को दे रहे हैं भेद सारा देश का । देश के गद्दार सारे, देश बेचे जा रहे ॥२॥ चन्द पैसों के लिये जो गिर गये ईमान से । लाज […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।