बचायें हम मिली जो उस अमानत को ,  कसम खाओ ….. न भूलोगे शहीदों की शहादत को , कसम खाओ ….. जन्म भू है हमारी ये , हमें दिल – जान से प्यारी ….. बचा लेंगे बचानी है मुहब्बत को , कसम खाओ ….. हमारा देश है आज़ाद , हम […]

गले लगते दोस्त बोला क्या छोड़ दिया चैन से जीना सीख लिया सारा दिन फेसबुक पर रहना छोड़ दिया चैन से जीना सीख लिया व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी हर रोज नए पचड़े सर दर्द की नई दुकान दिन भर पिंगों-फारवर्ड करना छोड़ दिया चैन से जीना सीख लिया अब कहें क्या […]

उस पिक्षि कमंडल वाले के, चरणो में खो जाऊ / मेरा जी करता है, विद्यागुरु के नित दर्शन पाऊ/ देखी है दुनिया सारी, ये मतलब दीवानी / बिन मतलब रिश्ता ने जोड़े, ये कहते नई कहानी / किस किस को में अपनाउ, किस किस को ठुकराऊ / मेरा जी करता […]

आज़ादी के सही मायने,   हम तो भूल चुके हैं । अपनी सरहद,अपना मुल्क़,    क्यों हम भूल चुके हैं ।।  खींच कर लकीरें ज़मीनी,    दिल जुदा कर चुके हैं ।  अपने वतन की मिट्टी को,     क्यों खौफज़दा कर चुके हैं ।।   मेरा मुल्क़ है मेरी […]

 देखकर तुम्हें बढ़ जाती थी धड़कन गुड़मुड़ भावों का आलोड़न चिहुंक उठती थी उत्कंठाएं। न जिन्हें, कितने लाती थी संदेश! कभी खुलकर तो छुपकर भी कभी खुशी-आवेश में धीमे- से, दुःख मन से भी, हौले से शरमाकर भी, पढ़ी तो पढ़वाई भी,  जाती थी कभी। ऐं चिट्ठियां, तू कितने नगर-ग्राम […]

कोचिंग जब छूट गई, तब वहीं बस अड्डे के पास खड़े कुछ लड़के आपस में गप्पबाजी करने लगे…वो मेरी, वो लाल वाली मेरी, वो वो नीले शूट वाली मेरी..शट अॉप ! वो नीले शूट वाली मेरी कजिन है। फिर हवाओ में खामोशी छा गई। सबकी गर्दनें लटक गईं। एक दूसरे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।