देखो आया,  सावन  झूम  के मही स्वर्ग , खिल उठा जीवन धन्य हो गया है व्याकुल मन! बादल है यूं छाया, वन समीर भी गुनगुनाया। टिटहरी,पपीहा,चातक विह्वल, देखकर, कजरारे घन। नीरद के नयन चपल है, भूल चुका जग  सकल  है। शिखरों से झुका देखता, धरा-प्रियतमा उसकी विकल है। सुदूर क्षितिज […]

सर्वोदय जन जन का मंत्र हो, आम जनता कभी न त्रस्त हो, सभी अपने कार्यों में व्यस्त हो, नव निर्माण का पथ प्रशस्त हो, दिलों से सभी के बैर ध्वस्त हो, दैनिक जीवन की वस्तु सस्त हो, बार-बार ये पन्द्रह अगस्त हो। देश में मजबूत सुरक्षा तंत्र हो, सूर्य अपने […]

मैं रास्ता भटक गया हूँ, जीवन के इस सफर में, दुखों ने भी डाला है डेरा, खुशियों के इस डगर में। मेरे अपने भी छूट गए हैं, मेरे सपने भी टूट गए हैं, गिर रहा हूँ हर कदम पर, दर-दर की ठोकरें खाकर, सम्भलने की कोशिशों में, हर बार असफल […]

छू लेने दो गुरुवर अपने चरण, माना की में आज्ञानी हूँ / आप तो अंतर्यामी हो , इसी लिए तो आया शरण / छू लेने दो गुरुवर अपने चरण, माना की में आज्ञानी हूँ / मोह माया ने हम को पकड़ा है, और अपनों के प्यार ने जकड़ा है / […]

1.. आजादी के मायने,नहीं स्वच्छंदता शोध। कर्तव्यों का भार है, अधिकारों का बोध।। 2.. मन मानी मानो मती,  स्वतंत्रता  के भाव। जिम्मेदारी बहुत है,करिए सहज स्वभाव।। 3.. भोजन पोषण वस्त्र तो, मिले भवन के संग। शिक्षा सेहत चिकित्सा, हर सामाजिक अंग।। 4.. आजादी  मानो  तभी, हो  नारी  का  मान। शिक्षित […]

भारत नेपाल के राष्ट्रगान से गुंजित हो गई मिथिला की धरा साहित्य के मनीषियों ने रची विश्व बन्धुत्व की आधारशिला नेपाल धरा पर भारतीयो ने गाये भारत भक्ति के अदभुत तराने राष्ट्रगान के साथ लगे थे भारत माँ की जय के नारे अतिथि देव भवः मन्त्र को नेपाल ने भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।