आबू की धरती पर फिर नारद वंशज आये है मिशनरी पत्रकारिता का संकल्प दोहराने आये है खबरे लेने को जहान की तनाव में जो आ जाते है उसी तनाव से मुक्ति पाने कलम के सिपाही आये है ब्रह्माकुमारीज् संस्था अनूठी मीडिया का भला वह चाहती है खबरे हो सकारात्मक सारी […]

उलझ जाता है वो कई बार, ना जाने किस उल्टी उलझन में। बसा हुआ है जो पगला सा, मेरे दिल की हर धड़कन में।। :-डोल जाता है जब दिल उसका, तो बड़ा वो घबराता है…   खोकर सुध वो बावरा, मुझको फोन मिलाता है….   डरता है मुझको खोने से, […]

.                  *1*  वरषा ने  है रोक दी, सबकी  ही  रफ्तार। काले  हो  गये बाजरे, कड़ब हुई  बेकार। कड़ब हुई  बेकार, फसल है  पानी पानी। कैसी होती पीर, सुनो यह जुबाँ किसानी। कहे लाल कविराय,पीर में भी मन हरषा। भली  करेंगे  राम, बरसले तू अब  वरषा। .                     *2*  बे  मौसम  का  बरसना, या  […]

दीनदयाल ने अपने दोनों बेटे और एक बेटी की पढ़ाई में अपनी पूरी पूँजी झोंक दी, ताकि जो कष्ट उसने उठाया उसके बच्चों को न उठाना पड़े l जब बेटी मात्र दो वर्ष की थी तब उसकी पत्नी का देहांत हो गया था l तब से अब तक वह केवल […]

टूटे दिल को भी गुलशन एक सेहरा लगता है   लगी चोट दिल मे,दर्द बहुत गहरा लगता है मिलने की उम्मीद भी भला कैसे करते    हवेली में तेरी अब तो शख्त पहरा लगता है खुशियाँ कोसो दूर हो गई जैसे मुझसे    वक्त मानों  जैसे अब  ठहरा लगता है […]

प्रसरित हो वह सूर्य-लालिमा; रजनी-चंद्रिका प्रसरित हो। शुष्क पड़ा;जन हो उद्विग्न; बाढ़ लहर लहराई हो। तप्त करे यह सूर्य की ऊष्मा; हिम-वृष्टि नहलाई हो। क्या ऐसा भी हो सकता! ‘पतझड़ ऋतु में हरियाली होl’ है जग में कुछ भी न असंभव, विजय का दूजा नाम ही संभव। आए अर्क जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।