रखता हूँ हर कदम ख़ुशी का ख़याल अपनी   डरता हूँ फिर ग़म लौट के न आ जाए अब भुला दी हैं रंज से वाबस्ता यादें यूँ आके ज़िंदगी में ज़हर न घोल जाएँ इक बार जो गयी तो फिर न आएगी यहाँ शौक महँगा है लबों पे हँसी रखने का […]

जो होना है वही होगा फिर क्यो धैर्य खोते हो साक्षी बनकर जीना सीखो क्यो तनाव मे जीते हो विधाता की कठपुतली हम जैसे चाहेगा वह नचायेगा नाटक का प्रोड्यूसर वह है कभी हंसाएगा कभी रुलाएगा जो रोल मिला है विधाता से उसे खुशी खुशी निभाते चलो न जाने कब […]

जाने-अनजाने ही जुड़ गई तुमसे मेरी हर अभिलाषा तुम्हें समर्पित मेरा जीवन अर्पण तुमको ही हर आशा मन-मंदिर में जो स्थापित है रत्न-जड़ित वो मूर्ति हो मेरे बहुरंगी स्वप्नों की तुम ही इच्छित पूर्ति हो जब भी घोर निराशा छाए देती तुम्हीं मुझे दिलासा तुम्हें समर्पित मेरा जीवन अर्पण तुमको […]

स्वार्थ के वश सब अपनी सोचे ,                    देश की है किसको चिंता । एक स्वार्थ से सब स्वार्थ सधेंगे,                    सोचो तुम जो हो जिन्दा । बाग ही गर जो उजड़ गया तो […]

अपने मन के भावों को, उद्वेग से उठते बहावों को मै आज समेट कर  हार पिरोना चाहता  हूँ हाँ मै आज कुछ  लिखना चाहता हूँ मेरे अन्दर  मची हुई है जो हलचल, व्याकुल, व्यथा  बाहर आने को रही है मचल, ना ही अपने विचारों का खुला  दरबार लगाना चाहता हूँ हाँ, मै आज कुछ  लिखना चाहता हूँ […]

  सहरा हो या समुंदर दोनों की क़िस्मत में तन्हाई है तन्हा मैं भी हूँ तन्हा तन्हाई है। बज़्म में अकेला गोशे में तन्हाई है निगाहें भी सूनी उमंगों में थकान छाई है। दिल है रूठा फ़रियाद करूँ किससे अल्लाह ने भी दी मेरे ताले तन्हाई है।   #डॉ रूपेश […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।