मन में जो हो उसे लेखनीबद्ध कीजिए जो लिखा उसका फिर आंकलन कीजिए मन की तस्वीर धुंधली दिखाई दे अगर मन पर जमी धूल को साफ कर लीजिए इसके लिए अपनानी होगी राजयोग विधा परमात्म याद के साबुन से मन को धो लीजिए हो जाओगे इस विधि से तुम पावन […]

रिश्ते नाते  रीत  प्रीत के, खून का रिश्ता फीका हैं।   आभासी  रिश्ते चलते हैं, दूर का  रिश्ता  नीका है। दूध का रिश्ता दूर हो रहा, शीश पटल मोहताज हुए।   पास पड़ोसी अनजाने से, अनजाने  जन खास हुए। भाई – भाई  हुए  अजनबी, बहने बन गई  परायी अब।   […]

ये अँधेरा बहुत डराता है जबकि इसका होना ही शाश्वत है बचपन में कहे गये शब्द अंधेरा काट लेगा का निहितार्थ जमीन पर उतरता है शनैः शनैः हाथ बढ़ाता है तमाम फैले हुए खेतों पहाड़ो जंगलों की ओर परछाईयां लम्बी होती जाती हैं रंग स्याह होता जाता है कितना मुश्किल […]

टुटही  खटिया फटहा टाट रहा अन्नदाता कै ठाट । मिलिकै नेता अफसर दूनौ गए योजना सारी चाट । जनता धोबिक कूकुर होइ गय घर कै रही न पाइसि घाट । नाचै कूदै थिरकैं जिउ भर संसद मा नौटंकिक पाठ । डिग्री MA अउर पीएचडी 16 दुनी बतावै आठ । #दिवाकर  […]

चाँद तक जाकर,आ गये सूरज पर अब तक जा न सके धरती को तुमने नाप लिया लहरों की गिनती बता न सके चीर दिया मानव शरीर खून , तुम बना न सके कितने दीप जलाये तुमने नेत्रज्योति दिला न सके खोज तुम्हारी अब भी अधूरी मृत्य पर विजय पा न […]

अहिंसा पर हिंसा भारी कैसी हो गई ये लाचारी परलोक में बापू आहत है गांधीवाद अब समाप्त है जो किसान की जय बोलते थे जो जवान की जय बोलते थे उनका सपना भी चकनाचूर है स्वर्ग में लाल बहादुर मजबूर है उनके जैसी सादगी चली गईं बेईमानों से ईमानदारी हार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।