तुम मुझे यू जला ना पाओगे / जाली लंका मेरी जला में भी / तुम भी एक दिन जलाये जाओगे / मैंने सीता हरी, हरि के लिए / राक्षस कुल की बेहतरी के लिए / मैंने प्रभु को रुलाया वन वन में / तुम प्रभु को रुलाना पाओगे /१/ तुम […]

अब कोई और वादा ऐ वफा न करो। जिंदगी को मेरी तुम सज़ा न करो।            हिज्र ऐ ग़म में तस्कीन है मुझको।            फिर से तुम वस्ल की दुआ न करो। अच्छी गुज़र रही है तन्हाई में मेरी जिन्दगी किसी को […]

मैं तुम्हारी यादों को अपनी सुबह की कॉफ़ी में खूब देर तलक़ फेटता हूँ अपने सिगरेट के डिब्बे के आखिर सिगरेट के आखिरी कश तक तुम्हें खीचता हूँ अखबार के पहले पन्ने से आखिरी पन्ने के हर्फ़ों के बीच अपनी सुबहों में तुम्हें सींचता हूँ आईने में देखूँ जब भी […]

माँ ममता की खान है,दे बेटों को प्यार। हर बाधा को दूर कर,,हमें लगाती पार।। माता के दरबार में,लगी भगत की भीड़। माता के आशीष से,बनें सफल की रीढ़।। सच्चे दिल से माँगिए,बन जाये हर काम। माता के दरबार में,लगे न कौड़ी दाम।। नवदिन की आराधना,नव देवी का रूप। माता […]

मुझे खूब दबाया गया सूलियों पर लटकाया गया मेरा कत्ल भी कराया गया मुझे खूब रौंदा गया खूब कुचला गया मैं बाजारों में निलाम हुई गली-गली बदनाम हुई तख्तो-ताज भी खतरा मानते रहे रस्मो-रिवाज मुझसे ठानते रहे जबकि में एक पावन अहसास हूँ हर दिल के आस-पास हूँ बंदगी का […]

विचारणीय कोई खां-खां के मरता है तो भूख रहकर यह दंतकथा प्रचलित होने के साथ फलीभूत भी है। ये दोनों ही हालात में भूख को लाइलाज बीमारी बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड रहे है। लिहाजा, भूख और कुपोषण एक सिक्के के दो पहलु हैं जहां तक कुपोषण की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।