अभागा न मानो भागोवाली भाग्यवान बहुत है भागोवाली नाजो से पली है भागोवाली फिर पिया घर आई भागोवाली सिर आंखों पर बैठाया उसको दिल से गले लगाया उसको सास ससुर ने भी बिटिया माना पति ने हमेशा कहना माना बच्चो की भी आदर्श बनी वह अपने घर की मालकिन बड़ी […]

दोस्तो हम फिल्मो पर समीक्षा के माध्यम से साझा होते आए है लेकिन आज चर्चा का विषय है लगातार 21 साल तक साथ चलने वाला टेलीविजन सीरियल CID, साथियो देश का अपराध खोज (क्राइम डिटेक्शन) सीरियल CID से देश का बच्चा बच्चा वाकिफ है इस सीरियल ने हमारे सामने शैशव […]

जब तक सांसे चलती है गुरुदेव की महिमा गाऊ / सपने में गुरु को देखु जागू तो दर्शन पाऊ / जब माया मोह में उलझा मन ने मुझे समझाया / तब हाथ पकड़कर गुरु ने मुझे सत्य का पथ दिखलाया / गुरु चरणों को में तज कर अब और कहाँ […]

आँखों में *कजरा* बालों में गज़रा होंठो पे लाली कानों में बाली माथे पर बिंदिया पैरों में बिछिया गले में हरवा नाक नथनिया हाथ में कँगन माँग में सिंदूर हाथ में मेहंदी पाव महावर लगा के देखो आई सजनी प्यारी कर सोलह श्रृंगार लाल चुनरिया डाल सजा के करवा हाथ […]

मुरझाए पत्ते  हो  तुम, अब कैसे रुक पाओगे। कभी  जिन  हवाओ के आगे तुम ना झुकते  थे कैसे अब उनके वेग को तुम    सह    पाओगे । अपने   आख़िरी  अंजाम को अब तुम पहचान लो । इससे पहले गिरा दे  तुम्हें ये  हवाएं   क्यों   ना  अब उस पेड का […]

चौथ  व्रती  बन  पूजती, चंदा  चौथ   चकोर। आज सुहागिन सब करें,यह उपवास कठोर। यह   उपवास  कठोर , पूजती   चंदा  प्यारा। पिया  जिए  सौ साल, अमर संयोग  हमारा। कहे लाल कविराय, वारती  जती  सती बन। अमर रहे  तू चाँद, पूजती   चौथ  व्रती  बन। .             नारि सुहागिन कर रही,पूजा जप तप ध्यान। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।