चंद फुलझड़ियां , कुछ अनार जान पड़ते दौलत अपार  … क्या जलाए , क्या बचाएं धुन यही दिवाली यादगार बनाएं दीपावली की खुशियां सब पर भारी लेकिन छठ, एकदशी के लिए पटाखे बचाना भी तो है जरूरी आई रोशनाई, छू मंतर हुई उदासी पूरी रात भागमभाग , लेकिन गायब उबासी […]

बब्बा बब्बा आय देवारी झोरन डब्बा लाय देवारी बीसौ अंगुरी उनके घिउ मा बस अपनै भभ्भाय देवारी बरहौ मासे रोशन हैं जे उनहीं के घर जाय देवारी अपनै कहै सुनै बस अपनै तब केतना खलि जाय देवारी फाकामस्ती घरहिनि घर मा मनहिनि मन शर्माए देवारी गिनव मात्रा छंद बहर तू […]

मन से अंधेरा मिटा दो आत्म ज्योति जगमगा लो विकारों का परित्याग करो सद्संस्कार धारण करो जीवनभर की दिवाली होगी कभी न घर मे कंगाली होगी श्रीगणेश समान बुद्धि होगी मां लक्ष्मी जैसी सम्रद्धि होगी स्वास्थ्य उत्तम रहेगा सदा सबका स्नेह मिलेगा सदा परमात्मा भी  तुम पर होगा फिदा सुख […]

भूलता सफर हू मैं “जिन्दगी” वक्त का मारा हुआ दो कदम जीता हुआ दो कदम हारा हुआ। ऐसे तमाम रिश्तों का मारा हुआ उदास लम्हों का सताया हुआ जो मतलब के दो पहिये थे अजीब दास्ता बन गयी अब तो इसलिए ऐ “जिन्दगी” दो कदम जीता हुआ दो कदम हारा […]

  कुछ अर्थों को न खोजें तो बेहतर कुछ कार्यों की कारणता को न तलाशें तो बेहतर कुछ खुरदरे से अहसासों को न तराशें तो बेहतर कुछ बेतकलुफ़्फ़ से दरियाओं की मंजिल न समझे तो बेहतर रूबरू हो रहे नित नये क़िरदारों की वजहें न जानना चाहें तो बेहतर ज़िंदगी […]

सोलह सावन बीत गए है, पर वो मीत अभी भी याद है,, जो बारिश़ में गुनगुनाया करते, वो गीत अभी भी याद है,, उसके नाम के अक्षर वाले आज भी मन को भाते है,, जितना भूलाना चाहुं उनको उतना वो याद आते है,, उनकी कसमें,उनकी रस्में, वो प्रीत अभी भी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।