जब अवधपुरी रघुनन्दं आये। नगर निवासी ने दर्शन पाये। घर घर मे फिर दीप जलाये। सब देवों के मन हरषाये।। कार्तिक मास अमावस्या को। प्रभु राम की नगरी में हुआ। अमावस्या को उत्सव खास। सब ओर हो रहा हर्षोल्लास।। चौदह वर्ष का वनवास जो, आज जो हो रहा समाप्त है। […]
