बहू मैं तुम्हारे घर की बेटी बनाकर रखना दुल्हन हूँ,तूम्हारे बेटे की पलकों पर बैठाकर रखना निकली हूँ पिता के दर से डोली अरमानों की सजाकर खुशियाँ सदा परोसना गोदी मे अपनी बैठाकर आई हूँ माता-पिता की चौखट को लांघकर दिल मे बैठाकर रखना बेटी अपनी समझकर खुश्बू हूँ, मैं […]
