ये बच्चा सच बहुत बोलता है,यहाँ जी नहीं पाएगा ज़माने के मुताबिक इसे झूठ भी सिखलाइए जरा बेशुमार खुशी बयाँ कर दी सरे-महफिल आपने हर एक खुशी में छिपा दर्द भी दिखलाइए जरा ये सारे नए वायदों की सरकार है मेरे हुज़ूरे-वाला एक बार वोट देके देखिए,फिर मुस्कुराइए जरा कब […]

जब चाहा दिल को तोडा , जब चाहा दिल को लगाया पर जब लगा की तुम्हें हमसे मोहब्बत है , तुम्हारी बाँहों में किसी और को पाया जब चाहा दिल को तोडा , जब चाहा दिल को लगाया तुम कहते थे हमें ज़िन्दगी अपनी हमने भी सौंप दी , तुम्हें […]

बह्र – 1222 1222 122 रद़ीफ – आया काफ़िया – आम। यहाँ पर आज कैसा नाम आया । कही कोई नही अब काम आया ।। सभी बैठे यहा पर मुह फुलाये । नही जब हाथ में तो दाम आया ।। नशे से हो गये मशहूर जो भी । पिये वो […]

रात की स्याही से मैंने दिन के उजाले लिखे। रेत के रुके ढ़ेर पर बहते नदिया के धारे लिखे।। लिखे गए चंद लफ्जो में दिल के छाले से दिखे। जिन के सपने टूटे कुछ ऐसे मतवाले से दिखे।। जिन आंधी तुफानो को गुमान था अपने पर, वर्षा की बूंदों से […]

हे देश के नीति – नियंताओं  । जिम्मेदार पदों पर आसीन नेताओं व अफसरों … आप सचमुच महान हो। जनसेवा में आप रात – दिन व्यस्त रहते हैं। इतना ज्यादा कि आप शूगर , प्रेशर , थाइराइड आदि से परेशान रहते हैं। आप देश के खेवैया हो। राष्ट्र की यह […]

बिल्कुल लल्लन टॉप लिखूंगा गहहे को भी बाप लिखूंगा नेताओं के नाम जहां हैं मैं तो अजगर साँप लिखूंगा जुमलेबाजी जब लिखना हो छप्पन इंची नाप लिखूंगा छपम-छपाई हल्लम-गुल्ला मैं तो बस चुप चाप लिखूंगा लड़ो लड़ाई  तुम मंदिर की मैं सीता का शाप लिखूंगा #दिवाकर  Post Views: 30

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।