प्रचंड इस वेग में यही तो एक बात है, अखण्ड इस विचार में प्रचंड राष्ट्र भाव है। सहस्र बरसों की वेदना वेदना ही उत्पत्ति है, उठो,उठो भारती दिव्य ही स्वभाव है। चलो, कीर्ति पथ पर असंख्य भाव भरे हैं, इसी वेग के साक्षी विजय ही स्वभाव है। पूर्वजों के ऋण […]
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मुसाफतों से दिल ये भरता क्यों नहीं इक ठिकाने पर ठहरता क्यों नहीं ======================= क्यों भरोसा करता है अजनबियों पर ठोकरें खा कर सुधरता क्यों नहीं ======================= देखकर इन दर्दमंद मज़लूमों को ज़ालिमों का दिल पिघलता क्यों नहीं ======================= ज़हर देकर मुझको वो बेचैन हैं ज़िंदा है अबतक ये मरता […]
