कभी तानों में कटेगी, कभी तारीफों में, ये जिंदगी है यारों, हर दिन इस तरह से गुजरेगी    / पाना तो बहुत कुछ है, पर वो मिलता नहीं / इसलिए कभी कभी, उदास भी रहती है जिंदगी // आनंद और ख़ुशी में तो ,हर कोई साथ देता है, पर गर्दिश […]

चारों तरफ की चहलकदमी , ठिठुरती सर्दी की रातें , रातभर चलती हवाओं की आहट , और ठंड से काँपते पक्षियों की आवाज , इतना सबकुछ होते हुए भी , अब तू ही बता दे यार , मेरे दिल में इतना सन्नाटा क्यूँ है ।। वो मूसलाधार बारिश , डरावनी […]

कभी हर लें पीर कभी देते हैं पीर कभी घोल दें मिठास कभी घोल दें कड़वाहट कभी सुकून से देते कभी बेचैन से करते कभी खामोश कभी बुलंद कभी बेबाक कभी सहमे कभी होठों पे खिलाते हँसी कभी आँखों में भरते नमी कभी कह दें हाल सब कभी छुपा दे […]

सवाल बहुत है मन में जवाब कहाँ से लाऊं, नींद नहीं है आंखों में ख्वाब कहाँ से लाऊं, अशांति बहुत है जीवन में शांति कहाँ से लाऊं ? दर्द बहुत है दिल में दवा कहाँ से लाऊं, अपने कई हैं साथ में पर खास कहाँ से लाऊं, छल से भरी […]

1

स्वस्थ अगर रहना है तन से, सुबह सुबह में योग करें। मर्यादा में रहना है तो, शौचालय का प्रयोग करें।। ना जाने कितनी बीमारी, खुले शौच से होती हैं। और घर की बहू बेटियां, अपनी इज्जत होती हैं।। मूंछों का ख्याल रखो तुम, महिलाओं का मान रखो। बेटी घर की […]

1. शीत लहर परेशानी बढ़ाती प्रकोप जारी 2. रोटी सकेंगे चुनावी तवे पर नेता स्वार्थ की 3. उड़ान भरो असली सपनों की लिखो कहानी 4. मन भर के परेशानी मिटाओ काम करके 5. सस्ता साधन सद मनोरंजन हँसी ठिठोली परिचय:- अशोक कुमार ढोरिया मुबारिकपुर(हरियाणा) Post Views: 39

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।