एयर कंडीशन में बैठकर जंक फूड खाते खूब बागों के झुरमुट से रहे सदा अंजान से। लिखते कविता जरूर मगर कविता होती गद्य कभी खेतों में पांव न रखा रिश्तों से रहे विरान। लंदन में बैठकर कविता करते नहीं है कोई ज्ञान ये तो पैसे वाले हैं भला क्या जाने […]
मन की प्रवृति शान्ति फिर क्यों रहते अशांत एक जरा सी ठेस से क्यों हो जाता संताप जो बिछाये राह मे पत्थर शुक्रिया उसका कीजिए उन पत्थरो से कामयाबी जीवन मे पैदा कीजिए मुश्किलों की दीवारे भी राह न रोक पाएगी शांत स्वरूप मे अगर रहे मंजिल शीघ्र मिल जायेगी! […]
40 सदस्यीय, अभिभाषको का एक दल इंदौर से गुजरात भ्रमण पर गया । इंदौर से मालवा माटी की खुशबू और गिर में वनराज का सामीप्य खुशी को दोगुना कर रहा था। गुजरात के एक छोटे से कस्बे में वकीलों की बस गवाह दलीलों से दूर चाय की चुस्की लेने में […]
ये जो कंगूरे चमकते शान से आज़ाद हो, नींव के हे पत्थरों तुमको नमन है देश का। भारती माँ पर यहाँ जब भी कोई खतरा हुआ, अपने तन का आखिरी तत्पर लहू कतरा हुआ। प्रार्थना हो या अजानें या कोई उपदेश हो, तुम्हारी पूजा रही कि खैरियत में देश हो। […]
बिटिया अनायास ही मेरे दिमाग को झकझोर कर देने वाला सवाल पूछ उठती है। पापा ; इस धरती पर इंसान की तादात दिन प्रतिदिन सुरसा राक्षसी के मुख की तरह बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद धरती पर वनस्पति, वन्य जीव जन्तु विलुप्त होते जा रहे हैं।कई प्रजातियां तो नष्ट […]
मासूम सी कली थी, थोड़ी सी ही खिली थी, की अचानक एक हाथ बढ़ा, जो उसे कुचलने निकला, तब एक चीख निकली थी, पर किसी ने न सुनी थी। फिर वो थोड़ी और खिली, थोड़ी और हुई बड़ी, जमाने मे जब रखा कदम, उसकी महक से खिला संसार हरदम, पर, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।