नईदिल्ली। साहित्य अकादेमी ने 21 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादेमी पुरस्कार-2024 की घोषणा की है। इस वर्ष हिंदी साहित्य के लिए यह पुरस्कार कवयित्री गगन गिल को प्रदान किया जाएगा। गगन गिल को यह पुरस्कार उनकी कृति ”मैं जब तक आयी बाहर” के लिए के लिए प्रदान किया जाएगा। […]

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की कसरावद तहसील में एक छोटा-सा गाँव है तैली भट्यांण। वैसे तो यह गाँव नर्मदा के तट पर प्राकृतिक सौंदर्य से आह्लादित है किन्तु इस गाँव की प्रसिद्धि देश-विदेश में होने का महत्त्वपूर्ण और एकमात्र कारण हैं संत सियाराम बाबा। कोई यह नहीं जानता कि […]

इन्दौर। हिन्दी भाषा के प्रचार के लिए एक दशक से सतत् सक्रिय डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ को नईदिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में किसान नेता एवं भारतीय मज़दूर संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता अश्विनी दुबे एवं प्रभासाक्षी के सम्पादक नीरज दुबे ने प्रभासाक्षी के 23वें […]

इन्दौर। हिन्दी तन मन, हिन्दी जीवन के भाव के साथ एक दशक से लगातार हिन्दी के प्रचार-प्रसार और विस्तार में जुटे मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ को वर्ष 2024 का हिन्दी सेवी सम्मान नईदिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में 6 दिसम्बर को प्रदान किया जाएगा। देशभर […]

इन्दौर। नगर की साहित्यिक संस्था क्षितिज के द्वारा आयोजित किए गए सप्तम अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन 2024 में अध्यक्ष पद से बोलते हुए साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे ने कहा कि, “लघुकथा का शिल्प अद्भुत होता है और यह सर्वाधिक आकर्षित करने वाली विधा है। आज के समय […]

इन्दौर। साहित्य के उत्थान को लक्ष्य रखकर रबिन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय व आईसेक्ट द्वारा स्थापित वनमाली सृजन पीठ की इन्दौर शाखा का उद्घाटन सोमवार को मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्ल, अध्यक्षता प्रो. रुपाली सारये, विशिष्ट अतिथि मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ व प्रो. […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।