ओ मेरे प्रियतम प्यारे, समर्पण है तुझ पर अब मैं अर्पण हूँ। मैं चाहती हूँ कि तुम, हर पल,पल-पल तुम मेरे पास रहो.. इसलिए तुम फूल बन जाओ मैं मालिन। तुम फसल बन जाओ, मैं किसान.. तुम मालिक बन जाओ, मैं दासिन। तुम घर बन जाओ, मैं पहरेदारिन.. तुम भगवान […]
राष्ट्र-प्रेम का प्रदीप, सदैव दीप्तिमान हो। विश्व-ऐक्य-भाव ही, सर्वथा प्रधान हो।। कोटिशः नमन तुम्हें, धीर वीर महान हो। त्याग शान्ति समृद्धि के, तुम्हीं तो वितान हो।। शुष्क हृदय न हो कभी, प्रेम प्रवाहमान हो। कर तिरोहित वैरभाव, अधर मात्र मुस्कान हो।। है एक प्राण दाता पूज्य, सर्व-धर्म समान हो। मनुज […]
