यह अचानक क्या हुआ? मुझ में ऐसी शक्ति कहां से आई? क्या मुझे भी मकड़ी ने काटा है? काटा है तो कब काटा है ? मुझे कुछ समझ में क्यों नहीं आ रहा है? अगर काटता तो दुकता ना ? लेकिन मैंने दर्द का अनुभव तो कभी नहीं किया। कहीं […]
मन की बात मन जानता है। दिल की बात दिल जानता है। मोहब्बत को मोहब्बत करने वाला जानता है। अरे ये तो दिल लगी कि बाते है। जो प्यार मोहब्बत में जीने वाला जनता है।। उदासी की जिंदगी क्या होती है। तन्हा में जीना क्या होता है। एक अकेला इंसान […]
परमात्मा ने मनुष्य को दिया अदभुत वरदान संवाद माध्यम वाणी स्वयं में गुणों की खान बोलना तो आ जाता है मात्र तीन ही बरस में पर क्या बोलना चाहिए सीखते बरसो बरस में वाणी ही आईना बनती हम सबके व्यक्तित्व का अपने को पराया करती पराये को अपना बनाती जैसी […]
. रोला छंद २४ मात्रिक छंद होता है। विषम चरणों में ११ मात्रा और चरणांत २१ से होता है। सम चरणों में १३ मात्रा और चरणांत २२ से होता है। समचरणांत में २२ का विकल्प:-११२,२११,११११भी मान्य है। दो,दो सम चरणों में समतुकांत हो। उदाहरण…. . 🇮🇳 तिरंगा 🇮🇳 मातृ भूमि […]
कल ने कल से, कल मिलने को कहां। आज देख कर हंस पड़ा। तो कल बोला क्यो हंसे, आज बोला यही सुनता आ रहा हूँ वर्षो से। पर कल कभी आता नही, और तुम को कभी मिलना नही।। इस कल कल के चक्कर मे पड़कर। न जाने कितने लोग, इस […]
कलयुग में मिले है, सतयुग जैसे गुरुवर लोग जिन्हें कहते है विद्यासागर। त्याग तपस्या की, है वो एक मिसाल। कितनी कठिन साधना, करते है हर पल। तभी लोग कहते उन्हें, कलयुग के भगवान।। धारण किये हुए है आगम की चादर। उसके अनुसार ही, करते अपने कर्म। देते उपदेश वो सदा, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।