दिव्य ज्ञान पढ़कर उनको बने महान जीवन जीने की कला है उनमें ज्ञान का अथाह भंडार है उनमें बीस हजार चार सौ मन्त्रो का गुलदस्ता हर आवश्यकता की पूर्ति का गुलदस्ता अरब अमीरात ने भी वेदों को माना भारत को वेदों की जन्म भूमि माना। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की […]
संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता सांस्कृतिक गौरव संस्थान, गुरुग्राम के मुख्य सला हकार और राजभाषा हिन्दी के विशेषज्ञ डॉ. महेश चंद्र गुप्त ने की। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी-विभागाध्यक्ष और डीन तथा केंद्रीय हरियाणा विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी-विभागध्यक्ष प्रो. नरेश मिश्र ने देवनागरी लिपि के ऐतिहासिक स्वरूप का […]
