साहित्य मानवीय अभिव्यक्ति की एक उत्कृष्ट कृति है। साहित्य जो पीड़ितों की पीड़ा और समस्याओं को हल करने के लिए समाज में परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करता है। ऐसे रचनात्मक साहित्य का प्रवाह आज कम हो गया है। जब तक प्रगतिशील आंदोलन अपने मजबूत सार में था, साहित्य और जीवन […]

साहित्यकार अनिता मंदिलवार सपना अंबिकापुर सरगुजा छतीसगढ़ को पद्म विभूषण नंदलाल बोस नेशनल गोल्डन आर्टिस्ट अवार्ड 2020* से स्वदेश संस्थान के सौजन्य से सम्मानित किया गया । यह अवार्ड उत्कृष्ट रचना के लिए प्रदान किया गया है । अनिता मंदिलवार सपना की इसके पहले लगभग दो सौ साझा संग्रह और […]

चर्र-चूं’’ की आवाज निकालता दरवाजा उसने खोला था । उसे उम्मीद थी कि ‘‘शेरू’’ दरवाजे पर ही मिल जाएगा । उसका अनुमान सही निकला । दरवाजे की आहट पाकर शेरू चैतन्य हो गया था । आज दो दिनों के बाद दरवाजा खुला था । वो दिनों से यूं ही भूखा-प्यास […]

धैर्य कभी भी खोना नही बीज संयम के बोना वहीं मुहं मे रहे मिठास सदा मधुर वाणी गंवाना नही दुश्मन मित्र बन जाएं हमारे ऐसे प्रयास कभी खोना नही प्रेमभाव की बहे मधुर धारा वैमनस्य मिटे छंटे अंधियारा विकारो से मिल जाएं मुक्ति सदगुणों की बहे जीवनधारा आत्म स्वरूप मे […]

नीला गगन, सुंदर पवन,देखो घटा सुनहरी छाई है।चहक रहे हैं पंक्षी चहुँ ओर,प्रातः वंदन की बेला आई है।। कैसी सुंदर सी आई है बेला,किरण आँचल में प्रकाश लाई है।देख गगन की छटा मनोरम,सबके होंठों पर मुस्कान आई है।। मद मस्त पवन झूमे मस्ती में ,धरा पर देखो बहार आई है।नीले […]

भीतर की बात रचनाकार का मन सबका मन होवे सै खुद तै हट कै पूरी दुनिया में घट रही घटनाओं को आपणी कविता के माध्यम से अंकुरित करै सै। रचनाकार अपनी कविता एक खातिर नहीं बल्कि पूरे समाज खातर लिखै सै, सबकै लिये लिखै सैं। मैं ग्रामीण जीवन परिवेश से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।