वसुधैव कुटुम्बकम की जो पहचान हमारी है वह हमारे संत महात्मा की देन है। सर्वसजन हिताय सर्व जन सुखाय की परम्परा जो संतो मनीषियो ने बनाई वो हमारी सभ्यता का मूल स्तम्भ है। जिसका वर्णन संत कबीर, तुलसीदास रविदास, महर्षि वाल्मिकी, वेदव्यास ने अपने अपने समय में ज्ञान दिया है। […]
