जन्म मरण का अब, समीकरण बदल गया। इंसान इंसान से दूर, अब होता जा रहा है। जीने की राह देखकर, मरने की बात करने लगे। फर्ज इंसानियत का भूलकर, समिति अपनो तक हो गए।। न दुआ काम आ रही है, न प्रार्थनाएं रंग ला रही है। पाप भरी पड़ रहे […]

बेटी का दर्द। करती पूरे घर के अरमान, देखते जो आप सपने महान, अगर मैं बेटा होता। कंधे से कंधा मिलाकर चलती, फिर जिंदगी यूं झटपट दौड़ती, मन में ना रहती टीस, ना होती किसी बात की खीझ, अगर मैं बेटा होता। भर देती दामन खुशियों से, मां के आंचल […]

हौसलें कुछ उड़ान की बात करते हैं चलो आज आसमान की बात करते हैं सोचता हूँ मूक जानवर का क्या होगा क्यों न उस बेजुबान की बात करते हैं खण्डर बना है वो घर यादें जुड़ी होगी क्यों न उस सुने मकान की बात करते हैं ढो रहा है बोझ […]

दान की महत्ता क्या होती है यह सनातन धर्म से अधिक कौन जानेगा ? हमने अपना तन, शरीर, सर्वस्व देकर भी शरणार्थी की रक्षा की है। राजा शिवि ने एक कबूतर की जान बचाने के लिए अपना पूरा शरीर काट काट कर बाज को दान कर दिया। राजा बलि ने […]

गज़ब लीला है तेरी गज़ब तेरे परिवेश जो जिस रूप में याद करें वही रूप धरे शिवेश ज्योति बिंदु रूप तेरा निराकार स्वरूप तेरा अंतर्मन से याद करो प्रकट होता ईश मेरा तू दिखता उन्ही को जो समर्पित हो गए द्वार पर तेरे हाजिर हो गए तुझमें विदेही बन खो […]

हनन और दमन तुम दूसरों का कर रहे हो। उसकी आग में अपने भी जल रहे हैं। कब तक तुम दुसरो को ररुलाओगें। एक दिन इस आग में खुद भी जल जाओगों। और अपने किये पर बहुत पषताओगें। पर उस समय तुम कुछ नहीं कर पाओगें।। कहते है उसके घर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।