वसुधैव कुटुम्बकम की जो पहचान हमारी है वह हमारे संत महात्मा की देन है। सर्वसजन हिताय सर्व जन सुखाय की परम्परा जो संतो मनीषियो ने बनाई वो हमारी सभ्यता का मूल स्तम्भ है। जिसका वर्णन संत कबीर, तुलसीदास रविदास, महर्षि वाल्मिकी, वेदव्यास ने अपने अपने समय में ज्ञान दिया है। […]

दिल दहल रहा है देखकर दिल्ली के अस्तपतालो को। सत्ता से बेदखल करो,इन झूठी मक्कार सरकारों को।। मौत का अंबार लगे हुए है,शव बिस्तरों पर है पड़े हुए । शवों के बीच इलाज हो रहा,ये अस्तप्ताल बूचड़खाने बने हुए।। चारो तरफ है चीत पुकार ,मरीज इलाज के लिए तड़फ रहे। […]

गर्मी आई,गर्मी आई , जंगल मे है मची तबाही। शेरनी रानी,बिल्ली ताई,लू के आगे हैं गबरायी।। सूरज दादा,क्या गुस्सा है,अग्नि बहुत है क्यों बरसाई। गर्म लू के थपेड़ों ने जंगल के हर कोने है आग लगाई।। राजा शेर है घबराया , उपाय कोई समझ नही आया। सेनापति हाथी आया उसने […]

कमला बेन कल से तुम घर आ जाना , वहीं खाना बना देना ….अब तो लॉकडाउन में छूट है आराम से आ सकती हो पारस बाबू ने हाथ धोते हुए कहा। आपको यहाँ आने में कोई तकलीफ नहीं हो तो यही आते रहिये ….हमारे यहाँ तो सात लोगों का खाना […]

अहंकार जिसने भी किया शांति से वह कभी न जिया अहंकार अगर कमजोरी हो चाहे कितना बलशाली हो अहंकार पराजय दिलाता सारा यश धूल में मिल जाता रावण-कंस का हश्र देख लो हिरणाकश्यप की गति देख लो अहंकार एक विकार है भैया जिसने भी किया डूब गई नैया अहंकार से […]

वेद शास्त्रों में कहा गया है कि जहां महिलाओं की पूजा होती है, वहां पर देवता निवास करते हैं पर सदियों से महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों-अनाचारों को देखते हुए ऐसा बिल्कुल प्रतीत नहीं हो रहा है ।दुनिया सदैव से ही महिलाओं की दुश्मन रही है। पुरुष प्रधान समाज में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।