मेरे दिल कि सरहद को पार न करना I नाजुक है दिल मेरा वार न करना I खुदसे बढ़कर भरोसा है मुझे तुम पर I इस भरोसे को तुम बेकार न करना I। दूरियों की ना परवाह कीजिये I दिल जब भी पुकारे बुला लीजिये I कहीं दूर नहीं हैं […]
जूते में बहुत गुण है,सदा राखिए पास। शत्रु से ये बचाए,कोई न फटके पास।। मैडम जूती राखिए,बिन जूती सब सून। जूती नाये न उबरे,राज राजनीति के चून।। पड़ जाए जूती प्रेमिका की,समझो अपने को निहाल। जल्दी ही पड जाएगी,तुम्हारे गले में माल।। औरत को न समझिए,पैर की जूती तुम यार। […]
तेरा आशीष पाकर, सब कुछ पा लिया हैं। तेरे चरणों में हमने, सर को झुका दिया हैं। तेरा आशीष पाकर ….।। आवागमन गालियां, न हत रुला रहे हैं। जीवन मरण का झूला, हम को झूला रहे हैं। आज्ञानता निंद्रा, हमको सुला रही हैं। नजरे पड़ी जो तेरी, मेरी पाप धूल […]
दशरथ से राम अवतरित हुए प्रालब्ध उन्हें भी भोगना पड़ा पुत्र वियोग में तड़प तड़प कर प्राणों को अपने त्यागना पड़ा श्रीकृष्ण के जन्म से पहले ही वासुदेव बन्दी बना लिए गए देवकी मां को सुख मिला नही जंजीरो में पांव जकड़ लिए गए खेवनहार भी कर्मो का लिखा किसी […]
ए ! जिंदगी तू भी कच्ची है, पेंसिल की तरह छोटी होती जा रही। रबड़ भी हर समय तुझको हमेशा, पल पल घिसती है जा रही ।। मत कर गुबान इस जिंदगी का, ये मुस्टकिल नहीं आर्जी मिली तुझको। कर इस्तेमाल इसका दूसरों के लिए, यह पल पल कम होती […]
दिल के भेद खोलती, गहरे राज छिपाती, दर्द बयां करती, अपनों की पहचान कराती, हर कोई नहीं समझ पाता, इन आंखों की भाषा, छिपी है इनमें प्यार, मुस्कान,वफ़ा की परिभाषा। रोक रखती है न जाने कितने जज़्बात, देती हर पल अहसासो की सौगात, सुख दुःख की साथी, हर किसी को […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।