कलम की सुगंध विश्व साहित्य नारी कोष के तत्वावधान में वट सावित्री अमावस्या के शुभ अवसर पर काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संस्थापक संजय कौशिक विज्ञात, अध्यक्ष अनिता भारद्वाज अर्णव ,मुख्य अतिथि मंशा शुक्ला जी ,विशिष्ट अतिथि हर्षा देवांगन की उपस्थिति में कार्यक्रम का सुंदर आयोजन किया […]

कलम की सुगंध महफ़िल ए ग़ज़ल मंच पर आनलाइन मुशायरा का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में संस्थापक संजय कौशिक विज्ञात जी, पटल संचालक धर्मराज देशराज की उपस्थिति में संपन्न हुआ । कार्यक्रम की शुरुआत अर्चना पाठक निरन्तर ने सरस्वती वंदना से की । भारत के अनेक जगहों से […]

वो मजबूर हुआ, मजदूर बना… कंधों पर जीवन का बोझ पुस्तकों का बस्ता दूर हुआ । गुमनाम अंधेरे में, एक मुरझाया नन्हा सा फूल जिन हाथों में कॉपी- कलम होनी थी वे साफ कर रहे – ढाबे पर जूठें थाली, प्लेट, गिलास… जिसे ममता के आंचल में पलना था वो […]

कण कण में राधारमण,जमनाजल का पान। चेतन वल्लभ साधना,गाया है रसखान।। जयजय भूमी जय ब्रज मंडल। जमना पूजन नीर कमंडल।।1 चौरासी परिकम्मा करते । जीवन धन्या श्याम सुमरते।।2 पैदल चलते कर फलहारी।। बिनु पादुक से महिमा भारी।।3 सादा खाते नीचे सोते। संतो जैसा जीवन जीते।।4 पल पल बोलें राधे राधे। […]

घनघोर घटा लिपटी ज्यों जटा अवधूत शोभे, भवभूत हिमालय पांव पखारे , भावार्थ- सेवार्थ भारत मां का सपूत हिमालय रिपु से रक्षा करे महारक्षक जुग-जुग जिए अग्रदूत हिमालय महर्षि मनस्वी, यशस्वी तपस्वी अवधूतों का है अवधूत हिमालय जड़ों में जड़ी जड़ीबूटी जोड़ी-जोड़ी रिद्धि-सिद्धि,समृद्धि अकूत हिमालय दिव्य देवपगा गिरि जनक कनक […]

नज़ाकत समय की समझा करो नहीं हर एक से उलझा करो अपरिचित से न हाले दिल कहो मात्र दो बात कर चलता करो।।१ वैसे तो आवारा बनकर घूम रहे अंबर धरती उछल उछल कर झूम रहे जब मित्रों का प्यारा प्यारा साथ मिला अपनी उनकी गाथा सुनकर झूम रहे।।२ एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।