क्या कोई ऐसास्कूल,विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थान है जहां परमात्मा स्वयं पढ़ाते हो और वही एक मात्र शिक्षक व गुरु हो?जी हां , प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक ऐसी अनूठी आध्यात्म ज्ञान और चरित्र निर्माण की शिक्षण संस्था है जहां प्रतिदिन स्वयंं परमात्मा ही पढ़ाते है।जो पाठ प्रतिदिन ब्रह्माकुमारीज के 140 […]

. 10,9 पर यति प्रति 2 चरण समतुकांत 3, 10, 17 वीं मात्रा लघु अनिवार्य 2 मात्रा भार को 11 लिखने की छूट नहीं मापनी 2122 2122 212 आज माता भूमि, चाहे वीरता। शक्ति चाहे भक्ति, चाहे धीरता। देखलो काश्मीर, घाटी देश की। मानते है शान, माँ के वेष की। […]

बिलासपुर । मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा मनाए जा रहें हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत संस्थान की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती रश्मिलता मिश्रा के नेतृत्व में संस्थान के सदस्यों द्वारा हिन्दी में हस्ताक्षर करने के लिए नगर में जागरूकता अभियान चलाया। तथा हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु समर्थन पत्र भरें व संस्थान को […]

शिक्षक दिवस के अवसर पर इस दुनिया में मुझे जितने भी लोगों से छोटी से छोटी कोई भी बात सीखने का अवसर मिला, उन सभी गुरुओं को मेरी तरफ से समर्पित है मेरी एक छोटी सी कविता – मैं गुरुओं की महिमा गाँऊँ, उनके उपकार को बतलाऊँ । किन शब्दों […]

प्रिय बच्चों, नमस्कार। प्रिय बच्चों , जब नन्हें पावों से तुम शाला की सीढ़ियां नापते तो तुम्हारे नन्हें पांव वामन की तरह विराट विश्व को नापते लगते। तुम्हारे मुख मंडल पर खिली मुस्कान बरबस ही मेरे मुस्कराने का कारण बन जाती। सुबह-सुबह तुम्हारा मुझे नमस्कार करना , “जय हिन्द” करना […]

हमारे देश के महत्वपूर्ण हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड के सीमान्त जनपद का नाम पिथौरागढ़ है जिसको पूरा देश छोटा कश्मीर के नाम से जानता है।इसका पुराना नाम सोर घाटी है।सोर का अर्थ होता है सरोवर। यहां मान्यता है कि पहले यहां सात सरोवर थे जो धीरे धीरे सूख गये।।यहां की भूमि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।