इंकलाब लिखने की चाहत फिर से अब जाग रही है मेरी। सुला रखा था जिसने,नींद वो अब भाग रही है मेरीll तम की काल कोठरी से धीरे-धीरे निकल रहा हूँ मैं।                                        […]

खुदा जब साथ है तेरे ऐ बंदे, तो फिर फिक्र की बात क्या है। हिम्मत का ताज रख सिर पे अपने, तेरे आगे किसी की भला औकात क्या है। होगा मुकम्मल तेरा भी हर एक सपना, जुनून के सामने तेरे ये अंधेरी रात क्या है। फतह-ए-मंजिल में मिलेंगे जख्म अभी […]

चैत्र में पड़े समय के नव-चरन। प्रत्युष बेला में मेरा शत-शत नमन।। चौकड़ी भरता चलता रश्मि-रथी। नित नव चमक रहती प्रभात के क्षण।। यंत्रवत पथ के कारज करता चलता। संवत्सर सृष्टि चक्र का अनूप प्रबन्धन।। आर्य संस्कृति की ध्वजा तले तपोनिष्ठ। श्रेष्ठ वृत्ति,विमल कीर्ति का हो वरण।।  #विवेकानन्द बिल्लौरे (व्ही.एन.बी) […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।