आज़ादी आंदोलन में नेताजी पराक्रम के प्रतीक थे –प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल वर्धा, 24 जनवरी 2021: महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा है कि आज़ादी के आंदोलन में नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है। सन् 1857 से 1947 तक आज़ादी […]

राजा शिवप्रसाद ‘सितारेहिन्द’ ( जन्म 3 फरवरी 1823) को इतिहास में खलनायक की तरह चित्रित किया गया है, किन्तु, जिस समय देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिन्दी संकट काल से गुजर रही थी, राजा शिवप्रसाद उसके समर्थन और उत्थान का ब्रत लेकर साहित्य क्षेत्र में आए। उन्होंने हिन्दी, उर्दू, […]

कुछ बातें प्रकट होने पर भी हमारे ध्यान में नहीं आतीं और हम हम उनकी उपेक्षा करते जाते हैं और एक समय आता है जब मन मसोस कर रह जीते हैं कि काश पहले सोचा होता. भाषा के साथ ही ऐसा ही कुछ होता है. भाषा में दैनंदिन संस्कृति का […]

  नई दिल्ली सांध्यकालीन संस्थान ने 8 मार्च, 2019 को भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली के परिसर में संस्थान की अध्यक्ष और सुप्रसिद्ध समाजसेवी सुश्री सुरेंदर सैनी की अध्यक्षता में “डॉ. नगेन्द्र साहित्यिक संगोष्ठी और दीक्षांत समारोह’’ संपन्न हुआ। संस्थान के प्रभारी और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. पूरन चंद टंडन […]

27-02-2019 को विश्व नागरी विज्ञान संस्थान और के.आई.आई.टी ग्रुप ऑफ कालेजेज़,गुरुग्राम (हरियाणा) के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के परिसर में रूस में मास्को विश्वविद्यालय के एशियाई एवं अफ्रीकी संस्थान की भारतीय भाषाशास्त्र की प्रोफेसर डॉ. (श्रीमती) ल्यूडमिला खोखलोवा के व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता […]

मातृभाषा के माध्यम से ही मनुष्य का ज्ञान- विज्ञान की दुनिया में पदार्पण होता है माँ के स्तनपान के साथ साथ अबोध शिशु जिन ध्वनियों और दुनियावी वस्तुओं से परिचना शुरू करता है वह बच्चे को प्रतीकों की नई दुनिया में प्रवेश दिलाता है यह प्रक्रिया बड़ी सरल औरप्रभावी होती […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।